दिल्ली विधानसभा समितियों की ताकत पर उठा सवाल, आतिशी ने स्पीकर और भाजपा सरकार को घेरा


नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) के अधिकारों को लेकर विधानसभा में जारी विवाद पर विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने इसे विधायी पारदर्शिता और संवैधानिक मर्यादा के लिए गंभीर खतरा करार देते हुए मामले को तत्काल लॉ डिपार्टमेंट के पास भेजे जाने की मांग की है।

आतिशी ने कहा, “हमने विधानसभा अध्यक्ष से साफ तौर पर कहा है कि अगर वह सचमुच विधानसभा समितियों को मजबूत करना चाहते हैं, तो उन्हें सबसे पहले केंद्र सरकार से जीएनसीटीडी (गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली) संशोधन एक्ट को वापस लेने की मांग करनी चाहिए।”

उन्होंने सवाल किया कि दिल्ली की भाजपा सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्पीकर इस मामले को लॉ डिपार्टमेंट को भेजने से कतरा रहे हैं। अगर जीएनसीटीडी एक्ट का इससे कोई लेना-देना नहीं है, तो फिर कानूनी राय लेने में हिचक क्यों है? कानून की व्याख्या करना स्पीकर का काम नहीं है, यह लॉ डिपार्टमेंट का अधिकार क्षेत्र है।

आतिशी ने सुझाव दिया कि यह मामला दिल्ली के लॉ ऑफिसर्स, स्टैंडिंग काउंसिल या फिर आवश्यकता पड़ने पर अटॉर्नी जनरल को भेजा जाना चाहिए ताकि निष्पक्ष और संविधानसम्मत राय ली जा सके। उन्होंने कहा कि कानूनी राय का मतलब यह नहीं कि ‘आप’ विधायक क्या सोचते हैं या भाजपा विधायक और स्पीकर क्या चाहते हैं। यह कानून का विषय है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समिति की बैठकों में सवाल उठाने वाले विधायकों को बाहर निकालने की कथित धमकी पर भी आतिशी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों को सिर्फ सवाल पूछने पर कमेटी मीटिंग से बाहर करने की धमकी दी जा रही है। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

उन्होंने दोहराया कि भाजपा सरकार को जवाब देना चाहिए कि वह केंद्र से जीएनसीटीडी संशोधन एक्ट वापस लेने की मांग क्यों नहीं कर रही है। साथ ही उन्होंने पूछा कि लॉ डिपार्टमेंट से कानूनी राय लेने से इतना डर क्यों है।

–आईएएनएस

पीकेटी/पीएसके/एकेजे


Show More
Back to top button