राम मंदिर के गर्भगृह के लिए चुनी गई अरुण योगीराज की तराशी मूर्ति

राम मंदिर के गर्भगृह के लिए चुनी गई अरुण योगीराज की तराशी मूर्ति

अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। जन्मभूमि पर जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है, वह कर्नाटक के रहने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। इस बात की जानकारी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने दी।

बीएस येदियुरप्पा ने इस उपलब्धि के लिए अरुण को बधाई दी है। बता दें कि मूर्ति तलाशने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से तीन मूर्तिकारों को चुना गया था। इन्हीं मूर्तिकारों में से एक अरुण योगीराज का भी नाम शामिल है। अरुण ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि रामलला की मूर्ति तराशने के लिए तीन मूर्तिकारों में चुने जाने पर खुशी जाहिर की है।

कौन हैं अरुण योगीराज

अरुण योगीराज मूल रूप से कर्नाटक के मैसूर जिले के रहने वाले हैं। उन्हें यह कार्य विरासत में मिली है। उनकी पांच पीढ़ियां मूर्ति तराशने का काम करती आ रही है। वह प्रसिद्ध मूर्तिकार परिवार से आते हैं। अरुण भी देश के प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक हैं। मार्केट में अरुण की मूर्तियों की काफी मांग है। पीएम मोदी भी अरुण की इस प्रतिभा की तारीफ कर चुके हैं।

अरुण के पिता जी भी बेहतरीन मूर्तिकार हैं। उनके दादा को बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था। अरुण बचपन से ही मूर्तिकला के कार्य में लगे हैं। अरुण ने एमबीए की पढ़ाई करने के बाद कुछ दिन प्राइवेट कंपनी भी काम किया। लेकिन ज्यादा दिनों तक कंपनी में काम नहीं कर पाए। उन्होंने नौकरी छोड़कर 2008 में मूर्तिकला को ही अपना कैरियर के रूप में चुन लिया।

इंडिया गेट पर स्थिति 30 फीट ऊंची सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को भी अरुण योगीराज ने ही तैयार किया है। नेताजी की 125वीं जयंती से पहले पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा लगवाने की इच्छा जाहिर की थी। पीएम मोदी को इच्छानुसार अरुण योगीराज ने यह मूर्ति बनाकर पीएम मोदी को दिया था।

कई फेमस मूर्ति बना चुके हैं योगीराज

अरुण योगीराज ने ही केदारनाथ में स्थित 12 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की प्रतिमा बनाई थी। इसके अलावा मैसूर जिले के चुंचे सट्टे में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा, संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर की 15 फीट ऊंची प्रतिमा, मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद अमृतशिला प्रतिमा, नंदी की छह फीट ऊंची अखंड प्रतिमा, बनशंकरी देवी की 6 फीट ऊंची मूर्ति, मैसूर के राजा की 14.5 फीट ऊंची सफेद अमृतशिला प्रतिमा, जयचामाराजेंद्र वोडेयार सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मूर्तियां बनाई है।

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