आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि मारीशस के साथ दोहरे कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) से जुड़े संशोधित प्रोटोकॉल को अभी तक न तो मंजूरी दी गई है और न ही विभाग की ओर से अधिसूचित किया गया है।
दोनों देश प्रोटोकॉल पर किए थे हस्ताक्षर
डीटीएए में संशोधन के लिए भारत और मॉरीशस ने इसी वर्ष सात मार्च को एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे। प्रोटोकॉल में प्रिंसिपल पर्पज टेस्ट (पीपीटी) को शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य संधि लाभ केवल वास्तविक उद्देश्य वाले लेनदेन को देना सुनिश्चित करना है। इस प्रोटोकॉल के सामने आने के बाद इस बात की चिंता बढ़ गई है कि मॉरीशस के जरिये आने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को कर प्राधिकरणों की ओर से ज्यादा जांच का सामना करना पड़ सकता है।
सभी चिंताओं को किया जाएगा दूरः IT
आयकर विभाग ने एक्स पोस्ट में कहा कि इस संबंध में सभी चिंताएं समयपूर्व हैं। जब यह प्रोटोकॉल लागू होगा, तब सभी चिंताओं को दूर कर दिया जाएगा। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि संशोधित कर समझौता रेट्रोस्पेक्टिव यानी पिछली तारीख से लागू नहीं होगा।