पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 प्रतिशत जीबीएस का औसत इस्तेमाल बढ़कर 114 प्रतिशत तक पहुंचा : ज्योतिरादित्य सिंधिया


नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस) । केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर) ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में, पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 प्रतिशत ग्रॉस बजटरी सपोर्ट (जीबीएस) का औसत उपयोग अपेक्षाओं से बढ़कर 104 प्रतिशत से 112 प्रतिशत और कुछ वर्षों में 114 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

सलाहकार समिति की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि जिन मंत्रालयों में लगातार कमी चल रही है, उन्हें उच्च-मूल्य वाले विभागों पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करते हुए यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करने के लिए बारीकी से निर्देशित किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने प्रभावशाली परियोजनाओं की पहचान करने में सांसदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि डोनर मंत्रालय राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच एक प्रभावी सेतु के रूप में काम करता रहेगा।

यह बैठक ‘अष्टलक्ष्मी’ राज्यों के लिए 10 प्रतिशत जीबीएस के प्रावधान के तहत समन्वय को मजबूत करने की समीक्षा और चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।

बैठक में अंतर-मंत्रालयी समन्वय को मजबूत करने, शिकायत निवारण में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया कि अनिवार्य जीबीएस आवंटन आठ अष्टलक्ष्मी राज्यों में ठोस विकास परिणामों में परिवर्तित हो।

केंद्रीय मंत्री ने समग्र सरकारी दृष्टिकोण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इस प्रयास को विकसितपूर्वोत्तर और भारत की एक्ट ईस्ट नीति के व्यापक दृष्टिकोण के साथ जोड़ा।

इस बीच, हाल ही में संपन्न ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ ने लगभग 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित किया, जिससे यह क्षेत्र भारत की समग्र प्रगति का एक सच्चा इंजन बन गया।

जहां 2014 में नौ हवाई अड्डे हुआ करते थे, वहीं अब पूर्वोत्तर में 17 हवाई अड्डे बनाए गए हैं। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में 65 वर्षों तक एक भी हवाई अड्डा नहीं था।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, आज अरुणाचल प्रदेश में चार और सिक्किम में एक हवाई अड्डा है। 2014 में 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे। आज, 16,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र 2047 तक भारत के 30 ट्रिलियन डॉलर के विकसित भारत के लक्ष्य की कुंजी है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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