भारी बारिश के बीच पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा जारी


इस्लामाबाद, 6 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र ने देश के कई इलाकों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने बुधवार को दी।

यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है, जब 5 से 8 अगस्त के बीच तेज मानसूनी सिस्टम के पाकिस्तान के उत्तरी और मध्य इलाकों को प्रभावित करने की आशंका जताई गई है।

इसके अलावा, इस दौरान उत्तरी पाकिस्तान में मानसूनी हवाओं और पश्चिमी सिस्टम के मिलकर असर डालने से भारी बारिश होने की संभावना है।

सिंधु, चिनाब और रावी सहित देश की सभी बड़ी नदियों में पानी का स्तर बढ़ने की आशंका है। रावी और चिनाब की सहायक नदियों में मध्यम स्तर की बाढ़ आ सकती है।

दूसरी ओर तरबेला, गुड्डू और सुक्कुर बैराज इस समय कम बाढ़ स्तर पर हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण चश्मा और ताउनसा में भी जल स्तर बढ़ सकता है और वहां भी कम बाढ़ आ सकती है।

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नौशेरा में काबुल नदी, स्वात नदी, पंजकोरा और उनसे जुड़ी धाराओं और नालों में लगातार बारिश की वजह से पानी का स्तर बढ़ सकता है।

इस बीच, रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के हुंजा, शिगर और घांचे जिलों में पानी के तेज बहाव के कारण सहायक नदियों में बाढ़ आने की संभावना है।

इसके अलावा, मौजूदा भंडारण स्तर से पता चलता है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का तरबेला जलाशय 94 प्रतिशत भर चुका है। भारी बारिश होने पर इसका जल स्तर और बढ़ सकता है।

एनडीएमए ने नदियों और नालों के पास रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, क्योंकि बारिश के कारण जल स्तर बढ़ सकता है, खासकर रात के समय और तेज बारिश के दौरान।

एनडीएमए से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 26 जून से अब तक हुई भारी मानसूनी बारिश की वजह से 140 बच्चों समेत कम से कम 299 लोगों की मौत हो चुकी है और 715 लोग घायल हुए हैं।

इसके अलावा, स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बारिश से होने वाली घटनाओं में 715 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 239 बच्चे, 204 महिलाएं और 272 पुरुष शामिल हैं।

इस बीच, अचानक आई बाढ़ और भारी बारिश से कुल 1,676 घर टूट-फूट गए और 428 पशु मारे गए। इस बाढ़ ने कई इलाकों में बड़ा नुकसान किया है और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी हुई है।

–आईएएनएस

एसएचके/एबीएम


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