समय पूर्व रिहाई के आदेश की अवमानना…, अब SC ने UP सरकार को जारी किया नोटिस

समय पूर्व रिहाई के आदेश की अवमानना…, अब SC ने UP सरकार को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के दोषी और 20 साल से ज्यादा सजा काट चुके पूर्व विधायक उदयभान सिंह की समय पूर्व रिहाई के आदेश पर अमल न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया है।

26 जुलाई तक मांगा जवाब

कोर्ट ने प्रदेश सरकार व अवमानना के आरोपी अधिकारी को 26 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश में कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि तत्काल प्रभाव से 29 अप्रैल के आदेश का अनुपालन होगा और पारित आदेश रिकार्ड पर रखा जाएगा।

कोर्ट ने बढ़ाई उदय भान की अंतरिम जमानत

 कोर्ट ने उदय भान की अंतरिम जमानत भी अगली सुनवाई तक बढ़ा दी है। ये आदेश न्यायमूर्ति अभय एस ओका व अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद दिये। उदयभान सिंह को तिहरे हत्याकांड में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 29 अप्रैल को आदेश दिया था कि उदयभान की समय पूर्व रिहाई की याचिका पर छह सप्ताह में पुनर्विचार करे।

याचिका में किसे बनाया गया आरोपी?

इस बीच, कोर्ट ने उदयभान को अंतरिम जमानत भी दे दी थी। उदय भान सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर प्रदेश सरकार पर समय पूर्व रिहाई के आदेश का अनुपालन नहीं करने का आरोप लगाया है और अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। याचिका में प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव दीपक कुमार को अवमानना का आरोपी प्रतिवादी बनाया गया है।

उदयभान के वकील ने क्या कहा?

शुक्रवार को उदयभान के वकील संजय सिंह और दिव्येश प्रताप सिंह ने बहस करते हुए कहा कि जानबूझकर कोर्ट के 29 अप्रैल के आदेश की अवहेलना की गई है। 67 वर्ष का उदयभान कई बीमारियों से ग्रसित है और 20 साल से ज्यादा सजा काट चुका है। आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने वालों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए उन्हें दंडित किया जाए।

कोर्ट ने जारी किया नोटिस

कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया और 29 अप्रैल के आदेश पर तत्काल पालन कर आदेश रिकार्ड में पेश करने की आशा जताई। साथ ही उदयभान सिंह की अंतरिम जमानत भी अगले आदेश तक बढ़ा दी। उदयभान सिंह को 1999 में उत्तर प्रदेश के भदोही में तिहरे हत्याकांड में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

उदयभान के साथ चार अन्य सहअभियुक्तों को भी सजा हुई थी। याचिका के मुताबिक,  सहअभियुक्तों को प्रदेश सरकार ने 27 जुलाई 2018, 10 जुलाई 2020 और 17 मई 2022 को समय पूर्व रिहाई देकर छोड़ दिया लेकिन जब उदय भान ने सह अभियुक्तों के समान ही समयपूर्व रिहाई की मांग करते हुए अर्जी दी तो राज्य सरकार ने अर्जी खारिज कर दी थी,  जिसके खिलाफ उदयभान ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दी थी और कोर्ट ने 29 अप्रैल 2024 को आदेश दिया था, जिसमें प्रदेश सरकार को उदयभान की समय पूर्व रिहाई की अर्जी पर छह सप्ताह में पुनर्विचार करने को कहा था।

बसपा की टिकट पर बने थे विधायक

 उदय भान 2002 में जेल से ही बसपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे और विधायक निर्वाचित हुए थे लेकिन 2004 में तिहरे हत्याकांड में सजा होने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी।

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