नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने एक पहल करते हुए एनी बेसेंट कॉलेज टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम आरंभ किया है। इसे शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, की इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के अंतर्गत शुरु किया गया है। यह योजना प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सुधारक तथा भारत में एक प्रभावी व मज़बूत शिक्षा व्यवस्था की पैरोकार डॉ. एनी बेसेंट के नाम पर है।
डॉ. एनी बेसेंट ने 1898 में सेन्ट्रल हिन्दू स्कूल की स्थापना की थी, जिसे बाद में उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना समिति को सौंप दिया था। बीएचयू के मुताबिक एनी बेसेंट के नाम पर इस योजना को आरंभ कर विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सहयोग व उत्कृष्टता को गति देने तथा उच्च शिक्षा की बेहतरी की दिशा में महान समाज सुधारक के विचार को आकार देने की ओर कदम बढ़ाया है।
बीएचयू की पहल एनी बेसेंट की शिक्षा के लिए उनके समर्पण व संघर्ष को समर्पित है। बीएचयू के मुताबिक इस योजना से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों, आर्य महिला पीजी कॉलेज, डीएवी डिग्री कॉलेज, वसंत कन्या महाविद्यालय तथा वसंत कॉलेज फॉर वूमेन, के बीच शैक्षणिक सहयोग और संबंधों को नई गति व ऊर्जा मिलेगी।
योजना के तहत संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को एक शैक्षणिक वर्ष के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर कार्य करने का अवसर मिलेगा। इससे उनके शैक्षणिक, शोध व पेशेवर विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
योजना के तहत चयनित संकाय सदस्यों को भारत सरकार के नियमों के अनुरूप प्रतिनियुक्ति पर लागू वेतन व भत्ते प्राप्त होंगे।
बीएचयू का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों के साथ जोड़ कर नए शोध एवं मौजूदा शोध कार्यों में योगदान के माध्यम से सहयोग व विविधता बढ़ाने के साथ-साथ अनुसंधान को आगे ले जाना है।
योजना के दौरान सभी चयनित शिक्षकों को आधुनिक अनुसंधान केन्द्रों, नई तकनीकों से लैस प्रयोगशालाओं तथा समृद्ध पुस्तकालयों समेत बीएचयू की उन्नत सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि एनी बेसेंट कॉलेज टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम विश्वविद्यालय में सहयोगात्मक कार्य संस्कृति को और सशक्त करने तथा बीएचयू द्वारा लाई जा रही योजनाओं का लाभ व्यापक वर्ग तक पंहुचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
प्रो. जैन ने कहा, “एनी बेसेंट की दूरदर्शिता हमें शैक्षणिक संबंधों को सशक्त करने तथा उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने एवं संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों के क्षमता निर्माण के लिए प्रेरित करती है। यह योजना उच्च शिक्षा में गुणवत्ता तथा शैक्षणिक साझेदारियों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करती है।”
–आईएएनएस
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