लखनऊ की एक अदालत में गोलीबारी के दौरान मारे गए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा का बीते दिन अंतिम संस्कार कर दिया गया है। गैंगस्टर जीवा के अंतिम सरकार में उसकी पत्नी पायल शामिल नहीं हुई हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी है।
सुप्रीम कोर्ट से पायल को झटका
उधर, जीवा की पत्नी के वकील ने जीवा के तेरहवीं तक पायल की गिरफ्तारी से राहत मांगी थी। इसपर SC ने कोई आदेश देने से मना कर दिया है।
यूपी सरकार बोली- पायल को नहीं करते गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए यूपी सरकार ने कहा कि गैंगस्टर संजीव जीवा का कल अंतिम संस्कार कर दिया गया है। सरकार ने बताया कि परिवार को सूचना दे दी गई थी कि उसकी पत्नी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। फिर भी वह वहां मौजूद नहीं रही। गैंगस्टर के बेटे ने जीवा का अंतिम संस्कार किया।
जीवा के शूटर को मिले थे पैसे
जीवा हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को कई बड़ी जानकारी मिलने की बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार, हत्यारे विजय यादव को जीवा को मारने के लिए 20 लाख रुपये देने का लालच दिया गया था। हालांकि, पुलिस ने अभी ये साफ नहीं किया है कि जीवा की हत्या के लिए विजय से किसने संपर्क किया था।
हत्या से पहले ही मोबाइल किया फॉर्मेट
यूपी पुलिस के अनुसार, हत्यारे विजय ने जीवा को मारने से आधे घंटे पहले ही अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया था। जानकारी के अनुसार, विजय पहले भी वाट्सएप कॉलिंग से अपने साथियों से बातचीत करता था।
भरी अदालत में जीवा को मारी थी गोली
बता दें कि आरोपी विजय ने जीवा को लखनऊ की एक अदालत में दिनदहाड़े गोली मारी थी। गोली मारने के बाद वो कोर्ट रूम में जाकर छिप गया था, जिसे बाद में पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस अब इस हत्या की तय तक जाने की कोशिश कर रही है।