सरकार ने विमानन कंपनियों से हवाई टिकटों की दरें तय करने में संतुलन सुनिश्चित करने को कहा है। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका हवाई किराये को नियंत्रित करने का कोई इरादा नहीं है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि विमानन कंपनियों द्वारा ऊपरी और निचली किराया सीमा पर बेचे गए टिकटों की संख्या में बहुत अंतर नहीं होना चाहिए।
भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है और कोरोना महामारी से काफी प्रभावित होने के बाद घरेलू यात्री यातायात बढ़ रहा है। नागर विमानन मंत्रालय ने एअरलाइन कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किराये में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई तो सरकार को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
दरअसल, मंत्रालय को लगातार हवाई किराये में बढ़ोतरी की शिकायतें मिल रही हैं। विमानन मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि किराये में बेतहाशा बढ़ोतरी से हवाई यात्रियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। विशेष रूप से उस क्षेत्र में हवाई किराये में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए, जहां गो फर्स्ट ने परिचालन बंद कर दिया है। इतना ही नहीं इकोनमी क्लास के किराये में भी ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए।