पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी चुनाव कराने को लेकर देश के राजनीतिक नेतृत्व के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर कोई भी वार्ता धमकी देकर यानी सिर पर बंदूक रखकर की जाती है तो वह व्यर्थ होगी।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष की यह टिप्पणी देश के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के उस अनुरोध के बाद आई है, जिसमें उन्होंने विभिन्न नेताओं को मिल-बैठकर चुनाव के मसले पर बातचीत करने को कहा था। प्रधान न्यायाधीश ने यह टिप्पणी उस वक्त की थी जब न्यायालय ने आम चुनाव और प्रांतीय विधानसभा चुनाव एक साथ कराने संबंधी याचिका पर फिर से सुनवाई शुरू की थी।
न्यायमूर्ति बंदियाल ने कहा कि बातचीत में कोई विरोध नहीं हो सकता है और द्विपक्षीय वार्ता के जरिये आम सहमति बनाई जा सकती है। उन्होंने राजनीतिक नेताओं से ईद के बाद के बजाय गुरुवार को ही बैठक करने को कहा। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि जुलाई में चुनाव हो सकते हैं।
न्यायमूर्ति बंदियाल के अनुरोध के बावजूद राजनीतिक दलों के बीच कोई संवाद नहीं हो सका। बाद में पाकिस्तान के अटार्नी जनरल मंसूर अवान और पीपीपी के वकील फारूक एच नाइक ने न्यायमूर्ति बंदियाल से उनके कक्ष में मुलाकात की और विपक्षी पीटीआई के साथ बातचीत करने के लिए और समय मांगा, जिसके बाद सुनवाई 27 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई।