केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछले 12 वर्षों में भारत में नक्सली हिंसा में 77 प्रतिशत की कमी आई है और संबंधित घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में भी 90 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि नक्सली उग्रवाद से संबंधित हिंसा का भौगोलिक प्रसार काफी कम हो गया है और 2022 में 45 जिलों के केवल 176 पुलिस स्टेशनों ने संबंधित हिंसा की सूचना दी है।
2010 में, 96 जिलों के कम से कम 465 पुलिस थानों ने वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना दी थी। राय ने कहा कि नक्सली उग्रवाद से संबंधित मौतों (सुरक्षा बलों और नागरिकों) की संख्या 2010 में 1005 के सर्वकालिक उच्च स्तर से घटकर 2022 में केवल 98 रह गई है।
एनएचआरसी में जम्मू-कश्मीर से संबंधित 1,164 मामले दर्ज किए गए
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित कुल 1,164 मामले एक अक्टूबर 2019 से दिसंबर 2022 तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में दर्ज किए गए हैं।
नित्यानंद राय ने नेशनल कांफ्रेंस के लोकसभा सदस्य हसनैन मसूदी के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के आधार पर जम्मू और कश्मीर मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1997 को निरस्त कर दिया गया है और संबंधित केंद्रीय अधिनियम यानी मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 का आवेदन लागू हो गया है। जम्मू और कश्मीर में तत्कालीन राज्य मानवाधिकार आयोग को 23 अक्टूबर 2019 को समाप्त कर दिया गया था।