आने वाले दशकों में भारत वैश्विक उत्पादन में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तैयार : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। भारत आने वाले दशकों में वैश्विक उत्पादन में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जिसे मजबूत जनसंख्या वृद्धि, एक कार्यशील लोकतंत्र, वृहद स्थिरता-केंद्रित नीतियों, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्यमी वर्ग और सामाजिक परिणामों जैसे मजबूत आधारभूत कारकों का समर्थन प्राप्त है। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

मॉर्गन स्टेनली रिसर्च द्वारा संकलित आंकड़ों में कहा गया है कि ये मजबूत कारक भारत को दुनिया के सबसे अधिक मांग वाले उपभोक्ता बाजारों में से एक बना देंगे, एक बड़े ऊर्जा परिवर्तन को गति देंगे, सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ावा देंगे और सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले ऋण के अनुपात को बढ़ाएंगे।

सकल घरेलू उत्पाद में तेल की गहनता में कमी, बढ़ते निर्यात – विशेष रूप से सेवाओं – और राजकोषीय समेकन से बचत असंतुलन कम होने और वास्तविक ब्याज दरों को संरचनात्मक रूप से कम रखने की उम्मीद है।

मॉर्गन स्टेनली ने आगे कहा कि आपूर्ति पक्ष में सुधार और लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण द्वारा समर्थित कम मुद्रास्फीति अस्थिरता, ब्याज दरों और विकास में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद करेगी।

उच्च वृद्धि, कम अस्थिरता और गिरती ब्याज दरों का यह संयोजन उच्च बाजार मूल्यांकन को बढ़ावा देता है और परिवारों को अपनी बचत का अधिक हिस्सा इक्विटी में लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

हालांकि निकट भविष्य में मार्केट रिटर्न ग्रोथ साइकल में विश्वास पर निर्भर करेगा, ब्रोकरेज अपने आउटलुक में आम सहमति से आगे बना हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही से आय वृद्धि में आई नरमी समाप्त होती दिख रही है, हालांकि बाजार अभी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो पाया है।

केंद्रीय बैंक का नरम रुख, वैश्विक विकास परिदृश्य पर स्पष्टता, जीएसटी रेट रेशनलाइजेशन, अमेरिका के साथ अंतिम व्यापार समझौता, अधिक पूंजीगत व्यय घोषणाएं, ऋण वृद्धि में तेजी, बेहतर उच्च-आवृत्ति आर्थिक आंकड़े और चीन के साथ बेहतर व्यापार जैसे कारक कैटलिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।

जोखिमों में धीमी वैश्विक वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और रेयर अर्थ और उर्वरक जैसी प्रमुख सप्लाई चेन में व्यवधान शामिल हैं।

अपनी पोर्टफोलियो रणनीति में, मॉर्गन स्टेनली रक्षात्मक और बाहरी क्षेत्रों की तुलना में डोमेस्टिक साइक्लिकल सेक्टर को महत्व देता है और वित्तीय, उपभोक्ता विवेकाधीन और औद्योगिक क्षेत्रों में अधिक वजन रखता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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