माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के आउटलुक में हो रहा सुधार, बैंकों को होगा फायदा: रिपोर्ट

मुंबई, 19 मार्च (आईएएनएस)। भारत में माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (एमएफआई) के आउटलुक में कई महीनों बाद सुधार आ रहा है और इस सेक्टर में एक्सपोजर वाले बैंकों की लंबी अवधि में ग्रोथ अधिक रहेगी। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
यह सेक्टर पिछले कुछ समय से उधारकर्ताओं द्वारा अत्यधिक ऋण लेने के कारण स्ट्रेस के दौर से गुजर रहा था।
एचएसबीसी रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में बेहतर ऋण संग्रह और अधिक वितरण से इस सेक्टर के सेंटीमेंट में सुधार हुआ है।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि 2025 एमएफआई के लिए सकारात्मक रह सकता है। हालांकि, कुछ चुनौतियों का अभी भी सेक्टर के द्वारा हाल निकाला जाना बाकी है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि फरवरी में अधिकांश राज्यों में “एक्स बकेट” संग्रह में सुधार हुआ और यह 98.5-99.5 प्रतिशत तक पहुंच गया। “एक्स बकेट” का मतलब उन खातों से है, जिन पर पिछले महीने के अंत में कोई बकाया भुगतान नहीं था।
इस सुधार से कर्मचारियों की उच्च छंटनी दर में भी कमी आई है, जो पिछले वर्ष इस सेक्टर के लिए चिंता का विषय रही थी।
हालांकि, कर्नाटक में फरवरी में एक सरकारी अध्यादेश के कारण एमएफआई परिचालन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
राज्य सरकार के प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य उधारकर्ताओं को बिना लाइसेंस और अपंजीकृत एमएफआई से लिए गए ऋण, ब्याज सहित, चुकाने से पूरी तरह छूट देना है।
एचएसबीसी रिसर्च ने कहा कि अलग-अलग माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस ने इस प्रभाव को न्यूनतम करने तथा अपने परिचालन को स्थिर करने के लिए कदम उठाए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि एसेट्स की गुणवत्ता में सुधार के कारण अप्रैल-जून तिमाही में एमएफआई की ऋण लागत में कमी आने की उम्मीद है।
एचएसबीसी रिसर्च का मानना है कि माइक्रोफाइनेंस में निवेश करने वाले बैंकों की लंबी अवधि में ग्रोथ मजबूत होगी।
ये बैंक अपनी बेहतर होती एसेट्स गुणवत्ता और आकर्षक मूल्यांकन के कारण बेहतर स्थिति में हैं, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
–आईएएनएस
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