दिल्ली : बिरला मंदिर के पुजारी ने शारदीय नवरात्रि की बताई पूजन-विधि

दिल्ली : बिरला मंदिर के पुजारी ने शारदीय नवरात्रि की बताई पूजन-विधि

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में दिल्ली बिरला मंदिर के पुजारी पंडित महावीर प्रसाद ने मंगलवार को महत्वपूर्ण बातें बताई।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि, सर्वप्रथम मां भगवती का ध्यान करते हुए प्रथम नवरात्रि के दिन अपने घर मे मां की चौकी को हम स्थापित करते हैं। सुंदर और साफ सुथरी जगह पर आसन बिछाएं और वहां पर चौकी स्थापित करें। वहां गणेश लक्ष्मी जी की प्रतिमा को स्थापित करें। उसके बाद एक कलश में गंगाजल और सुपारी को पूजन विधि और मंत्रोच्चार के साथ डालें। कलश पर नारियल को लाल कपड़े बांधकर स्थापित करना चाहिए। कलश के नीचे जौ रखने का विधान है। नित्य प्रतिदिन मां का वहां पर अखंड दीपक जलते रहना चाहिए। इसको लेकर हमें सावधानी भी बरतनी चाहिए। दीपक अगर आप घी को जला सकते है तो जलाएं। तेल का भी दीपक जला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि, इस दौरान हमें मां का हमेशा ध्यान करना चाहिए और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। मन से, वचन से और कर्म और वाणी से हमारे अंदर कोई विकार ना आए। हमारे विचारों में शुद्धता बनी रहे, इसके लिए उपवास रखा जाता है। उपवास में शुद्ध दूध फल का सेवन किया जा सकता है। इसमें फलाहार का सेवन श्रेष्ठ माना जाता है।

वहीं कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि, इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस मौके पर की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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