मुंबई, 18 मई (आईएएनएस)। मुंबई स्थित कंटेंट क्रिएटर आस्था शाह 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में स्किन डिसऑर्डर, विटिलिगो से पीड़ित पहली भारतीय के रूप में रेड कार्पेट पर चलीं। उन्होंने कहा कि वह हर किसी को दिखाना चाहती थी कि सुंदरता सभी शेड्स और पैटर्न में आती है।
आस्था, जिन्होंने कान में गर्व से अपने विटिलिगो का प्रदर्शन किया, ने कहा, “सालों तक, मैं अपने विटिलिगो के चलते सुंदर महसूस करने के लिए संघर्ष करती रही। आज, मैं कान में रेड कार्पेट पर अपने विटिलिगो के बावजूद नहीं, बल्कि इसके कारण चली। मैं हर किसी को यह दिखाना चाहती हूं कि सुंदरता सभी शेड्स और पैटर्न में आती है।”
उन्होंने डिजाइनर फौद सरकिस का डिजाइन किया हुआ खूबसूरत ग्रीन कलर का गाउन पहना। बेहतरीन डिजाइन ने उनकी नेचुरल ब्यूटी को उजागर किया, जिससे उनके विटिलिगो पर ध्यान आकर्षित हुआ, जो सशक्त और प्रेरणादायक दोनों है।
कंटेंट क्रिएटर को पॉपुलर शॉर्ट वीडियो मैगजीन ‘ब्रूट’ द्वारा समर्थन दिया गया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर डी-डे से फोटोज की एक सीरीज शेयर की।
आस्था ने लिखा, “कान के रेड कार्पेट पर ग्रीन फ्लैग”
26 वर्षीय एक्ट्रेस ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं बचपन से ही विटिलिगो के साथ जी रही हूं। शुरुआत में, मुझे पैच थे और मैं दवा ले रही थी। मैं कभी भी अपने शरीर के प्रति सचेत नहीं थी, क्योंकि मेरे माता-पिता मुझे हमेशा सहज महसूस कराते थे। हालांकि समाज ने मुझे ऐसा महसूस कराया कि मेरे साथ कुछ गलत है।”
उन्होंने कहा कि जब विटिलिगो उनके पूरे शरीर में फैल गया तो उन्होंने दवा लेना बंद कर दिया।
आस्था ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि वह खुद को वैसे ही स्वीकार करना चाहती थी जैसे वह है और अपने आस-पास के सभी लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती थी।
आस्था ने ग्लोबल लेवल पर ‘विटिलिगो क्वीन’ के नाम से मशहूर कनाडाई फैशन मॉडल विनी हार्लो को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा बताया।
–आईएएनएस
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