निवेशकों के लिए कुछ पीएसयू व निजी बैंकों पर भरोसे का समय

निवेशकों के लिए कुछ पीएसयू व निजी बैंकों पर भरोसे का समय

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय बैंकिंग प्रणाली में विदेशी और सहकारी बैंकों के अलावा 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, 22 निजी क्षेत्र के बैंक शामिल हैं। पिछले एक साल से अब तक बैंकिंग इंडेक्स ने 9.29 फीसदी का रिटर्न दिया है।

दिवाला और दिवालियापन संहिता लागू होने के बाद, भारतीय बैंकिंग प्रणाली की अधिकांश गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों का समाधान हो गया है, या तो इसका भुगतान कर दिया गया है या राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) मार्ग के माध्यम से लिया गया है।

यदि हम अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों पर नजर डालें तो सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में भारी कमी आई है।

भारतीय बैंकों ने वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के दौरान अच्छी कमाई की, लेकिन प्रदर्शन में धीमी गति देखी गई।

ऋणदाताओं ने क्रेडिट लागत में कमी के कारण साल-दर-साल 33 प्रतिशत की शुद्ध लाभ वृद्धि दर्ज की।

जबकि वित्‍तीय वर्ष 24 की दूसरी तीमाही के दौरान बैंकों के लिए ऋण वृद्धि लगभग 15 प्रतिशत योय पर आरामदायक थी, जमा और बैंक ऋण की लागत के पुन: मूल्य निर्धारण के कारण अधिकांश के लिए शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) में गिरावट आई।

सार्वजनिक और निजी बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में क्रमिक रूप से सुधार हुआ। वित्‍तीय वर्ष 24 की दूसरी तीमाही में 12 भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का संयुक्त लाभ 31 प्रतिशत बढ़कर 33,643 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 25,684 करोड़ रुपये था।

बैंक का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात वित्‍तीय वर्ष 23 की दूसरी तीमाही में 9.67 प्रतिशत से घटकर वित्‍तीय वर्ष 24 की दूसरी तीमाही में 4.62 प्रतिशत हो गया, जबकि शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात वित्‍तीय वर्ष 24 की दूसरी तीमाही में 1.64 प्रतिशत हो गया, जो वित्‍तीय वर्ष 23 की दूसरी तीमाही में 2.95 प्रतिशत था।

हमारा मानना है कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति चक्र में कमी आने के साथ, हम अच्छी ऋण वृद्धि देख रहे हैं और मजबूत सरकारी नीति के साथ, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आकर्षक दिख रहे हैं और इन स्तरों से भी अच्छी खरीदारी होनी चाहिए।

हम सार्वजनिक क्षेत्र में यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक जैसे कुछ नामों पर उत्साहित हैं, जबकि निजी बैंकों में एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक आशाजनक दिख रहे हैं।

–आईएएनएस

सीबीटी

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