जर्मन कारों की मजबूत मांग के बीच अब साउथ कोरिया में मजबूत प्लेयर बनकर उभर रहा टेस्ला

जर्मन कारों की मजबूत मांग के बीच अब साउथ कोरिया में मजबूत प्लेयर बनकर उभर रहा टेस्ला

सोल, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। एलन मस्क द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला इस साल साउथ कोरिया के इंपोर्ट पैसेंजर व्हीकल मार्केट में एक बड़े प्लेयर के रूप में उभरा है, जिसमें बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज-बेंज और ऑडी तीन सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड शामिल हैं। बुधवार को इंडस्ट्री के आंकड़ों में यह दावा किया गया।

टेस्ला की व्हीकल्स सेल्स सितंबर से बढ़ रही है जब उसने अपने शंघाई प्लांट में निर्मित मॉडल वाई मिडसाइज एसयूवी को मॉडल वाई के यू.एस.-निर्मित वर्जन की तुलना में काफी कम कीमतों पर लाना शुरू किया।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला ने जून 2017 में कोरियाई मार्केट में मॉडल एस 90डी से शुरुआत करते हुए अपने मॉडलों की डिलीवरी शुरू की। यह वर्तमान में कोरिया में मॉडल एस फ्लैगशिप सेडान, मॉडल एक्स फ्लैगशिप एसयूवी और रियर-व्हील-ड्राइव मॉडल वाई एसयूवी बेचता है, जबकि यहां 147 सुपरचार्जर स्टेशनों पर 1,007 स्टॉल संचालित करता है।

कोरिया ऑटोमोबाइल इंपोर्टर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (केएआईडीए) और लोकल मार्केट ट्रैकर के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-नवंबर की अवधि में, टेस्ला 15,439 यूनिट्स की बिक्री के साथ चौथे स्थान पर रही, जो अपने बड़े प्रतिद्वंद्वियों, वोल्वो कार्स 15,410 इकाइयों और लेक्सस 12,191 इकाइयों से अधिक है।

इस साल जर्मन ब्रांडों की स्थानीय मांग मजबूत रही क्योंकि उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या हाई-एंड और हाई-परफॉर्मेंस मॉडल पसंद कर रही है। ऊपर उल्लिखित तीन ब्रांडों और वोक्सवैगन ब्रांड सहित जर्मन कार निर्माताओं ने 11 महीने की अवधि में कुल 1,73,579 यूनिट्स बेचीं, जो 2,43,811 ऑटो की कुल इंपोर्ट व्हीकल्स सेल्स का 71 प्रतिशत है।

पहले 11 महीनों में बीएमडब्ल्यू 69,546 यूनिट्स बेचकर दूसरों से ऊपर रही, उसके बाद मर्सिडीज-बेंज 68,156 यूनिट्स के साथ और ऑडी 16,650 यूनिट्स के साथ दूसरे स्थान पर रही।

जापानी ब्रांडों- होंडा मोटर कंपनी, टोयोटा मोटर कॉर्प और उसके ब्रांड लेक्सस – ने सोल और टोक्यो के बीच ट्रेड विवाद के कारण सालों की सुस्त मांग के बाद इस साल अपनी बिक्री में सुधार देखा।

2019 में दक्षिण कोरिया को प्रमुख मटेरियल के निर्यात पर पड़ोसी देश के प्रतिबंधों के कारण स्थानीय उपभोक्ताओं ने जापानी वाहनों से दूरी बना ली।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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