लखनऊ। सियासत में कुछ भी मुमकिन है। चुनावी मौसम में यह एक बार फिर साबित हो रहा है। नेताओं के पाला-बदली के बीच अब एक नया फिल्मी ट्विस्ट आया है। इसके मुख्य किरदार हैं राज बब्बर। जिनके सपा में जाने की चर्चा चल निकली है।
2008 में मुलायम का साथ छोडक़र 2009 के चुनाव में फिरोजाबाद से पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल को हराने वाले राज बब्बर अब फिर साइकिल पर बैठने की तैयारी में हैं। बब्बर, गुलाम नबी आजाद को पद्म अवॉर्ड की बधाई दे चुके हैं। वह कांग्रेस के उस असंतुष्ट धड़े में से एक हैं, जिसे जी-23 कहा जाता है। यहां बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। उस वक्त राजबब्बर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे। लेकिन प्रियंका गांधी के प्रदेश की राजनीति की बागडोर संभालने के बाद वह ऐक्टिव नहीं नजर आ रहे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राज बब्बर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
राज बब्बर ने 80 के दशक के आखिर में बॉलिवुड के साथ सियासत का रुख किया था। 1989 में उन्होंने वी.पी. सिंह के नेतृत्व में जनता दल का दामन थामा था। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में गए और तीन बार लोकसभा सांसद रहे। 2004 में वह लोकसभा सांसद बने थे। 2006 में मुलायम सिंह के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए। समाजवादी पार्टी से उनकी विदाई हुई। 2008 में राजबब्बर कांग्रेस में शामिल हुए और 2009 में फिरोजाबाद से उन्होंने अखिलेश को सबसे बड़ा झटका दिया। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उन्होंने शिकस्त दी।