संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पहला भव्य मंदिर लगभग बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही भक्तों के लिए खुल जाएगा। मीडिया के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी शामिल हो सकते हैं। यह मंदिर यूएई राजधानी अबू धाबी से 50 किमी दूर निर्माणाधीन है। अबू धाबी के पास स्थित यह मंदिर न सिर्फ यूएई बल्कि पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है।
मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मंदिर को भव्य बनाने के लिए बड़ी संख्या में कलाकार, मजदूर और इंजीनियर जोर-शोर से काम कर रहे हैं। फरवरी, 2024 में भक्तों के लिए खुल जाएगा। मंदिर इतना मजबूत बनाया गया है कि 1000 साल तक इसमें कुछ नहीं हो सकता।
पीएम मोदी को गिफ्ट में मिली थी जमीन
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 2015 में यएई गए थे। इसी दौरान वहां के राष्ट्रपति ने उन्हें दुबई-अबू धाबी हाईवे पर 17 एकड़ जमीन गिफ्ट में दी थी। इसके दो साल बाद पीएम मोदी ने स्वयं मंदिर की नींव रखी। मंदिर निर्माण जो देशों के बीच बढ़ रहे सद्भाव को भी दर्शाता है। उद्घाटन के साथ ही मंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा।
मंदिर निर्माण में BAPS की मुख्य भूमिका
खाड़ी मुल्क में बन रहे इस मंदिर निर्माण पीछे बोचासनवासी अक्षय पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की मुख्य भूमिका है। BAPS कृष्ण के अवतार के रूप में स्वामीनारायण की पूजा के लिए दुनियाभर में करीब 1100 हिन्दू मंदिरों का निर्माण किया है। संस्था ने इससे पहले दिल्ली और अमेरिका में अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन किया था। एशिया के बाहर सबसे बड़ा मंदिर अमेरिका के न्यूजर्सी में स्थित है।
मंदिर की खासियत
मंदिर का डिजाइन वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरित है। मूर्तियों को गुलाबी बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है। कई जटिल नक्काशी और मूर्तियां भारत के कारीगरों द्वारा बनाया गया है। मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है। जिसमें 40 हजार क्यूबिक मीटर संगमरमर और 180 हजार क्यूबिक मीटर बलुआ पत्थर लगा है। मंदिर प्राचीन हिन्दू धर्म संस्कृति से ओतप्रोत है।
मंदिर के निर्माण में करीब 50 हजार लोगों ने ईंटें रखीं। जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, संजय दत्त और अक्षय कुमार का नाम भी शामिल है। मंदिर में बच्चों के लिए खेल के मैदान, क्लास और प्रदर्शनी की व्यवस्था की गई है।