बता दें कि कर्तव्य पथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के ध्वजारोहण के साथ ही समारोह की शुरुआत और लगभग दो दर्जन से अधिक झाकियां निकाली गई। इसमें 16 राज्यों की अद्भुत झांकियां भी थीं। इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे जिसमें VIP VVIP और आम जनता शामिल है। हालांकि विपक्ष के शीर्ष अधिकारियों को परेड से दूरी बनाते हुए देखा गया है।
इस साल भारत का 75वां गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया। इस मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल किया हुए थे।
वहीं, कांग्रेस की सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राकांपा संरक्षक शरद पवार और वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा समेत कई शीर्ष विपक्षी नेताओं को गणतंत्र दिवस परेड में अनुपस्थित देखा गया।
दरअसल, विपक्षी नेताओं ने विभिन्न स्थानों और समारोहों में ध्वजारोहण किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, तो वहीं लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारी के लिए उत्तर बंगाल में हैं। सूत्रों का कहना है कि अलग-अलग कारणों से विपक्षी नेता इस समारोह में शामिल नहीं हुए हैं।
बैठने की व्यवस्था से नाराज कांग्रेस
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई बैठने की व्यवस्था के कारण पार्टी ने हाल ही में परेड से दूरी बनाई। सूत्रों ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए सभी सांसदों को व्यक्तिगत निमंत्रण भेजा जाता है। इसके बाद सांसदों को इसका निर्णय लेना होता है कि वह समारोह में शामिल होंगे या नहीं होंगे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया है।
अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य कारणों से बनाई दूरी
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुखार है, जिस कारण उन्होंने अपने कई कार्यक्रम रद्द भी किए हैं। इसी वजह से वह कर्तव्य पथ पर आयोजित कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। दूसरी ओर उनकी पार्टी के पंजाब के सीएम भगवंत मान और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा, पंजाब की झांकी को अस्वीकार किए जाने पर नाराज थे, जिस कारण उन्होंने समारोह से दूरी बनाई थी।
पंजाब की झांकी अस्वीकार होने पर आहत हुए चड्ढा
झांकी को अस्वीकार किए जाने पर राघव चड्ढा ने कहा था, “हमारी झांकी को अस्वीकार करना हमारे इतिहास और बलिदानों का अपमान है और हर पंजाबी को बहुत आहत करता है। आप बस इतना कर सकते हैं कि हार मान लें और एक झांकी को अस्वीकार कर दें, लेकिन आप भारत के इतिहास से हमारा नाम नहीं हटा सकते। गणतंत्र बनने के लिए संघर्ष एक ऐसा संघर्ष जिसमें आपका योगदान शून्य रहा है।”
वहीं, येचुरी भी तमिलनाडु में पूर्व निर्धारित पार्टी कार्यक्रमों के कारण बाहर थे। हालांकि, अब तक किसी भी पार्टी के किसी भी नेता की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
16 राज्यों की निकली झांकियां
बता दें कि कर्तव्य पथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के ध्वजारोहण के साथ ही समारोह की शुरुआत और लगभग दो दर्जन से अधिक झांकियां निकाली गई। इसमें 16 राज्यों की अद्भुत झांकियां भी थीं। इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे, जिसमें VIP, VVIP और आम जनता शामिल है।