भारत की बायोइकोनॉमी बीते 10 वर्षों में 16 गुना बढ़कर 165.7 अरब डॉलर हुई : केंद्रीय मंत्री


नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। भारत की बायोइकोनॉमी में बीते 10 वर्षों में 16 गुना का इजाफा हुआ है और यह 2024 में बढ़कर 165.7 अरब डॉलर की हो गई है, जो कि 2014 में 10 अरब डॉलर थी। यह जानकारी सरकार द्वारा शुक्रवार को दी गई।

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में बीआईआरएसी के स्थापना दिवस समारोह में कहा कि यह तेज वृद्धि भारत के भविष्य के आर्थिक विकास के प्रमुख स्तंभ के रूप में बायोटेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

डॉ सिंह ने ‘आईबीईआर 2025’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘केवल 10 वर्षों में भारत की बायो-इकोनॉमी 10 अरब डॉलर से बढ़कर 165.7 अरब डॉलर हो गई है, जो 2025 तक 150 अरब डॉलर के हमारे शुरुआती लक्ष्य से कहीं अधिक है।’’

रिपोर्ट में कहा गया कि यह सेक्टर कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.25 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। पिछले चार वर्षों में इस सेक्टर ने 17.9 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दिखाई है, जो वैश्विक बायोटेक पावरहाउस के रूप में भारत की क्षमता को दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री ने बायोसारथी का भी अनावरण किया, जो एक ग्लोबल मेंटरशिप पहल है जिसका उद्देश्य बायोटेक स्टार्टअप को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहल इनोवेशन को बढ़ावा देकर, उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ाकर और भारतीय स्टार्टअप को वैश्विक सफलता के लिए तैयार करके भारत के बायोटेक इकोसिस्टम को मजबूत करेगी।

इस पहल के तहत विदेशी विशेषज्ञों, विशेषकर भारतीय प्रवासियों को इंटरनेशनल मेंटर के रूप में शामिल किया जाएगा, जो समाज को योगदान देने के लिए स्वेच्छा से आगे आएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में स्वीकृत बायो-ई3 पॉलिसी के बारे में भी बताया, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में रिसर्च, इनोवेशन और उद्यमिता को गति देना है।

पिछले दशक में आरएंडडी पर भारत का कुल व्यय दोगुने से अधिक होकर 2013-14 में 60,196 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 1,27,381 करोड़ रुपये हो गया है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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