यूपी विधान परिषद में सपा ने स्वास्थ्य मुद्दे को लेकर योगी सरकार को घेरा, मंत्री ने दिया जवाब

लखनऊ, 13 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बुधवार को समाजवादी पार्टी ने स्वास्थ्य के मुद्दे पर सरकार को घेरा। सपा के सदस्य मुकुल यादव ने कहा कि भाजपा के आठ साल बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा है और नीति आयोग की रिपोर्ट इसकी गवाही दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजधानी लखनऊ में लोहिया संस्थान और केजीएमयू जैसे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में गंभीर मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है और उन्हें निजी अस्पतालों में दलालों के माध्यम से भेजा जा रहा है। जिला चिकित्सालयों की स्थिति भी खराब है।
सपा के सदस्य बलराम यादव ने अमर शहीद राजा जयपाल सिंह 100 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय, अतरौलिया, जनपद आजमगढ़ में हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेन्द्र कुमार ध्रुव ने जेम निविदा द्वारा मनमाने तरीके से 1 करोड़ 76 लाख रुपये की खरीदारी की। शिकायत पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने त्रि-सदस्यीय समिति गठित की, जिसने डॉ. ध्रुव को दोषी पाया। 2 फरवरी 2024 को जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई, जिसके बाद 29 जून 2024 को आरोप पत्र जारी हुआ, लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है और वे उसी अस्पताल में तैनात हैं, जिससे जांच प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है।
सपा के सदस्य मोहम्मद जास्मीर अंसारी ने केजीएमयू और एसजीपीजीआई में वेंटिलेटर व आईसीयू बढ़ाने की मांग की, जबकि गुड्डू जमाली ने शिक्षा और स्वास्थ्य को विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने की बात कही। इन आरोपों और सुझावों के जवाब में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि एसजीपीजीआई और केजीएमयू में वेंटिलेटर पर्याप्त मात्रा में हैं। उन्होंने घोषणा की कि अगले दो वर्षों में 500 बेड का नया ट्रॉमा सेंटर बनाया जाएगा। पिछले आठ वर्षों में 40-45 करोड़ ओपीडी, 12 करोड़ आईपीडी, 5.30 लाख मेजर और आठ लाख माइनर ऑपरेशन हुए हैं। यहां केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि नेपाल, मध्य प्रदेश, झारखंड और हरियाणा से भी मरीज आते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं से किसी को वंचित नहीं होने दिया जाएगा।
भाजपा के परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से पुराने वाहनों की एक आयु तय है, जिसे पार करने के बाद उन्हें सड़क से हटाना आवश्यक है। सरकारी वाहनों में यह लागू हो रहा है, लेकिन निजी वाहनों में मालिक को स्वयं निर्णय लेना पड़ता है। लखनऊ में 1,40,396 मोटर कार, 2000 से अधिक मोटर कैब और 250 से अधिक एंबुलेंस अपनी निर्धारित आयु पार कर चुकी हैं, फिर भी सड़कों पर दौड़ रही हैं। परिवहन विभाग को वाहन मालिकों से संपर्क कर इन्हें निष्प्रयोज्य घोषित कराना चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं और प्रदूषण को रोका जा सके।
कार्यवाही के दौरान छह विधेयक पेश किए गए, जिन्हें उपस्थित सदस्यों ने सहमति से पारित कर दिया। इनमें उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक, 2025; उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025; उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025; उत्तर प्रदेश मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2025; उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025; और उत्तर प्रदेश लोक अभिलेख विधेयक, 2025 शामिल हैं।
–आईएएनएस
विकेटी/डीएससी