लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते दिनों आवारा कुत्तों द्वारा दो मासूम बच्चों पर हमला करने की घटना पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन से जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के विकल्प जिलाधिकारी से पूछे हैं। शहर के ठाकुरगंज इलाके में आवारा कुत्तों के शिकार बने मासूम भाई बहन की घटना काे खंडपीठ ने हृदयविदारक बताते हुए केजीएमयू को इस घटना में घायल हुयी बच्ची का समुचित इलाज करने काे कहा।
गौरतलब है कि आवारा कुत्तों के हमले में पांच साल के बच्चे की मौत हो गई थी जबकि उसकी बहन गंभीर रूप से घायल हो गयी। उसका स्थानीय केजीएमयू अस्पताल में इलाज चल रहा है। अदालत ने कहा कि बच्ची के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी और केजीएमयू के कुलपति खुद बच्ची के इलाज की निगरानी करेंगे।
साथ ही अदालत ने राज्य सरकार, नगर निगम, केजीएमयू और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को इस आदेश की कॉपी भेजने का आदेश देते हुए लखनऊ के जिलाधिकारी से पूछा है कि पीड़ित परिवार को किस तरह से क्षतिपूर्ति की जा सकती है।