पहली क्लिनिकल इनोवेशन राउंड टेबल की मेजबानी करेगा जीआईएमएस

ग्रेटर नोएडा, 21 मार्च (आईएएनएस)। सरकारी चिकित्सा विज्ञान संस्थान (जिम्स), ग्रेटर नोएडा के मेडिकल इनोवेशन सेंटर द्वारा शनिवार को पहली क्लिनिकल इनोवेशन राउंड टेबल का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष आयोजन की थीम ‘स्वास्थ्य नवाचार में चिकित्सकों की भागीदारी’ रखी गई है।
यह अपनी तरह का पहला अस्पताल-आधारित राउंड टेबल होगा, जिसमें देशभर से चिकित्सक, शोधकर्ता, नीति-निर्माता, निवेशक और मेडटेक स्टार्टअप्स के प्रमुख शामिल होंगे।
इसका उद्देश्य अस्पतालों को केवल इलाज केंद्र ही नहीं, बल्कि नवाचार और उद्यमशीलता अनुसंधान के केंद्र के रूप में विकसित करना है। इस आयोजन के मुख्य अतिथि रवि रंजन (आईएएस), प्रबंध निदेशक, यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) होंगे, जो वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़ेंगे।
उनकी नेतृत्व क्षमता और ‘स्टार्ट इन यूपी’ की सहायता से जीआईएमएस उत्तर प्रदेश का पहला पब्लिक हॉस्पिटल-आधारित सेक्शन 8 इनक्यूबेशन सेंटर बनने में सफल रहा है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अतिरिक्त, विशेष मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर डॉ. राणा प्रताप सिंह, कुलपति, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय उपस्थित रहेंगे। वहीं, डॉ. सिमी तिवारी (संयुक्त निदेशक, वन हेल्थ, एनसीडीसी, भारत सरकार) और डॉ. संजय (निदेशक, एसटीपीआई) भी विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लेंगे।
इस राउंड टेबल में देशभर के प्रतिष्ठित संस्थान भाग लेंगे, जिनमें चिकित्सा संस्थान : एम्स दिल्ली, एम्स बिलासपुर, एसजीपीजीआई लखनऊ, केजीएमसी लखनऊ, तकनीकी संस्थान : आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईआईटी बैंगलोर, आईआईआईटी लखनऊ, विश्वविद्यालय : गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, बेनेट यूनिवर्सिटी, शारदा यूनिवर्सिटी, संतोष मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ अन्य शोध और नवाचार संस्थान : इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, एनसीडीसी, एसटीपीआई, टी-हब, एक्सेंचर शामिल हैं।
जीआईएमएस के निदेशक डॉ. ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता ने कहा, “अब समय आ गया है कि सार्वजनिक अस्पताल भी क्लिनिकल इनोवेशन में सक्रिय भूमिका निभाएं। जीआईएमएस ने एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया है, जहां चिकित्सक और इनोवेटर मिलकर वास्तविक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान खोज सकते हैं। यह राउंड टेबल हमारे विश्वास को दर्शाता है – सहयोग, उद्देश्य और सभी के लिए सुलभ तकनीक। हमें गर्व है कि हम उत्तर प्रदेश से इस प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं।”
–आईएएनएस
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