वाराणसी: सरकारी विद्यालयों के बच्चे सीखेंगे संगीत के सुर, लय-ताल

वाराणसी: सरकारी विद्यालयों के बच्चे सीखेंगे संगीत के सुर, लय-ताल

पहले चरण में संगीत की शिक्षा के दौरान मुख्य रूप से लोक संगीत पर ही फोकस रखा जाएगा। इसमें बच्चों को सुरों का ज्ञान दिया जाएगा। इसके बाद वाद्य यंत्रों की शिक्षा भी दी जाएगी। ताकि वे संगीत के क्षेत्र में भविष्य बना सकें।

जल्द ही सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी संगीत के सुर, लय ताल में पारंगत नजर आएंगे। कक्षा एक से 12वीं तक विद्यार्थियों को संगीत की शिक्षा देने की तैयारी है। संगीत नाटक अकादमी की पहल पर शिक्षा विभाग की पहल पर स्कूल-कॉलेजों की सूची मांगी गई है। संगीत की शिक्षा कक्षा एक से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को देने की तैयारी है।

भारतीय संस्कृति और संगीत को बढ़ावा देने के मकसद से सरकारी विद्यालयों में संगीत की शिक्षा दी जाएगी। संगीत नाटक अकादमी ने प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में यह पहल की है।

इसके लिए अकादमी ने विभिन्न जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूल-कॉलेजों की सूची मांगी है। इसके मुताबिक छात्र-छात्राओं का ब्योरा तैयार किया जा जाएगा। शुरुआती दौर में सरकारी विद्यालयों के बच्चों को संगीत की शिक्षा दी जाएगी।

इसके बाद अर्धसरकारी और फिर गैर सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को संगीत की शिक्षा दी जाएगी। अकादमी के कलाकार दो घंटे की कक्षा में विभिन्न माध्यमों से संगीत के गुर सिखाएंगे। इस दौरान बच्चों की रुचि देखी जाएगी। जिन बच्चों में संगीत की गहरी रुचि दिखेगी, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा।

डीआईओएस अवध किशोर सिंह ने कहा कि अभी संगीत की शिक्षा देने से जुड़ा आधिकारिक पत्र नहीं आया है। मगर, नई शिक्षा नीति में संगीत की शिक्षा का प्रावधान है। चूंकि नए सत्र से नई शिक्षा नीति भी लागू की जा रही है, इसलिए संगीत की शिक्षा देने की भी तैयारी है। इस तरह का पत्र आएगा तो उसके हिसाब से अमल किया जाएगा।

सख्ती : एडेड माध्यमिक विद्यालयों में बनेगी समय सारिणी
राजकीय कॉलेजों की तर्ज पर अब अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों की भी समय सारिणी बनाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सख्ती करते हुए राजकीय कॉलेजों की तरह एडेड कॉलेजों को भी कक्षा की समय सारिणी बनाने का निर्देश दिया है। इसकी मॉनीटरिंग निदेशालय से होगी।

विद्यालयों को कहा गया है कि समय सारिणी बनाकर इसकी जानकारी विद्या समीक्षा केंद्र में देने को कहा है। कौन शिक्षक किस कक्षा में कब पढ़ाएगा, इसका विवरण देना होगा। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि समय सारिणी बनवाकर उसके हिसाब से पढ़ाई करवाई जा रही है।

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