उच्चतम न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी शोमा कांति सेन को शुक्रवार को जमानत दे दी। अंग्रेजी साहित्य की प्रोफेसर और महिला अधिकार कार्यकर्ता सेन को 6 जून, 2018 को मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
फैसला सुनाते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने निर्देश दिया कि अन्य शर्तों के अलावा, सेन विशेष अदालत की अनुमति के बिना महाराष्ट्र राज्य नहीं छोड़ेंगी। इसमें कहा गया है कि वह एनआईए के जांच अधिकारी को उस पते के बारे में सूचित करेंगी जहां वह जमानत अवधि के दौरान रहेंगी। पीठ ने कहा कि सेन को अपने मोबाइल फोन का जीपीएस भी चौबीसों घंटे ऑन रखना होगा।
साल 2017 का है यह मामला
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है। पुलिस का दावा है कि भाषण के अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी। पुणे पुलिस ने दावा किया था कि सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था।