केकेआर के खिलाफ विराट कोहली (Virat Kohli) ने 59 गेंदों पर 83 रन की दमदार पारी खेली। चिन्नास्वामी के मैदान पर किंग कोहली के बल्ले से 4 चौके और इतने ही छक्के निकले। विराट ने 140.68 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए रन बटोरे। अब आप कहेंगे कि कोहली ने एक छोर भी संभाले रखा और कमाल की पारी खेली। मगर क्रिकेट के खेल में कभी-कभार सच्चाई स्कोर बोर्ड नहीं, बल्कि मैच की परिस्थितियां बताती हैं।
अंतिम 5 ओवरों में जब बल्लेबाज जमकर चौके-छक्कों की बरसात करते हैं, उस वक्त विराट केकेआर के खिलाफ बुरी तरह से संघर्ष करते हुए नजर आए। इस बात का अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि अंतिम 21 गेंदों पर कोहली के बल्ले से सिर्फ एक बाउंड्री निकली और वो भी लास्ट ओवर में।
कोहली की धीमी पारी पड़ी महंगी?
विराट कोहली ने लगातार दूसरे मैच में अर्धशतक जमाते हुए एक और दमदार पारी खेली, इसमें कोई शक नहीं है। किंग कोहली ने आगाज भी जोरदार किया। हालांकि, इनिंग के आगे बढ़ते-बढ़ते कोहली की रफ्तार भी धीमी पड़ती चली गई।
खासतौर पर अंतिम ओवरों में। विराट ने केकेआर के खिलाफ खेली अंतिम 16 गेंदों पर सिर्फ 21 रन बनाए। जी हां, सिर्फ 21 रन। इस दौरान किंग कोहली अपने ही होम ग्राउंड पर बाउंड्री के लिए भी तरसते हुए दिखाई दिए। विराट का हाल इस कदर बेहाल रहा कि वह इन 16 गेंदों में सिर्फ एक छक्का जमा सके।
कोहली पर है सेलेक्टर्स की निगाहें
कोहली अगर लास्ट के ओवर्स में भी उसी रफ्तार से खेले होते, जैसा उन्होंने आगाज किया था, तो आरसीबी के स्कोर बोर्ड पर 200 से ज्यादा रन होते। आरसीबी की हार के लिए कोहली की इस पारी को जिम्मेदार ठहराना तो ठीक नहीं है, लेकिन विराट की बैटिंग की यह वो पहलू है, जिस पर उनको काम करना होगा।
आरसीबी के पूर्व कप्तान को याद रखना होगा कि टी-20 वर्ल्ड कप 2024 ठीक आईपीएल के बाद खेला जाना है और सेलेक्टर्स उनके प्रदर्शन पर नजरें गड़ाए हुए बैठे हुए हैं। विराट के स्ट्राइक रेट में सुधार हुआ है, इसमें कोई दो राय नहीं है। कोहली आगाज तो दमदार अंदाज में कर रहे हैं, पर उस स्ट्राइक रेट को पूरी इनिंग में बरकरार रखने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।