नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। वैश्विक निगरानी समूह एविएशन वर्किंग ग्रुप (एडब्ल्यूजी) ने गुरुवार को भारत की रेटिंग “सकारात्मक” से घटाकर “नकारात्मक” कर दी। विदेशी पट्टेदार वाडिया समूह की बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट से अपने विमान वापस नहीं ले पाए हैं। सात महीने पहले गो फर्स्ट को दिवालिया घोषित किया गया था।
एडब्ल्यूजी के डाउनग्रेड से भारत की वाणिज्यिक एयरलाइनों जैसे एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा के लिए विमानों को पट्टे पर लेने की लागत बढ़ने की संभावना है।
सरकार द्वारा 3 अक्टूबर, 2023 को एक अधिसूचना जारी करने के बाद एडब्ल्यूजी ने अपने सीटीसी अनुपालन सूचकांक में भारत के स्कोर में अनुमानित वृद्धि के साथ एक सकारात्मक निगरानी सूची नोटिस जारी किया था। अधिसूचना में प्रावधान किया गया था कि दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत अधिस्थगन विमान, विमान इंजन, एयरफ्रेम और हेलीकॉप्टर पर पर लागू नहीं होगा।
यह एक सकारात्मक बात थी। एडब्ल्यूजी ने मई में भारत को नकारात्मक दृष्टिकोण के साथ निगरानी सूची में डाल दिया था, यह कहते हुए कि देश अंतरराष्ट्रीय विमान पुनर्ग्रहण मानदंडों का पालन करने में विफल रहा। विदेशी पट्टेदार दिवालिया गो फर्स्ट से अपने पट्टे वाले विमानों को पुनर्प्राप्त करने में असमर्थ थे।
विमान, विमान इंजन और हेलीकॉप्टरों से जुड़े लेनदेन को दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) से छूट देने की सरकार की अधिसूचना भारत के अंतरराष्ट्रीय संधि दायित्वों के अनुरूप जारी की गई थी। देश केप टाउन कन्वेंशन और आईटी एयरक्राफ्ट प्रोटोकॉल (सीटीसी) का हस्ताक्षरकर्ता है।
केप टाउन कन्वेंशन एक वैश्विक संधि है जो पट्टादाता के जोखिम को कम कर और एयरलाइन के दिवालियापन या डिफ़ॉल्ट के मामले सहित इन लेनदेन में कानूनी पूर्वानुमान को बढ़ाकर विमान, इंजन और स्पेयर पार्ट्स के वित्तपोषण और पट्टे को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है।
–आईएएनएस
एसकेपी