संयुक्त राष्ट्र दूत ने सीरिया में तनाव कम करने का आह्वान किया

संयुक्त राष्ट्र दूत ने सीरिया में तनाव कम करने का आह्वान किया

संयुक्त राष्ट्र, 29 नवंबर (आईएएनएस)। सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के उप विशेष दूत नजत रोचडी ने सीरिया में तत्काल तनाव कम करने का आह्वान किया है और चेताया है कि इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष वहाँ भी फैल सकता है।

उन्होंने मंगलवार को सुरक्षा परिषद को बताया, “हम सीरिया में संभावित रूप से व्यापक तनाव बढ़ने की संभावना के बारे में गहराई से चिंतित हैं। कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र और इज़रायल में दुःखद विकास के प्रभाव सीरिया के अंदर महसूस किए जा रहे हैं।”

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को, इजरायल एक बार फिर दमिश्क हवाई अड्डे पर हमला किया, जिससे इस हवाई अड्डे से संचालित होने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी वायु सेवा एक बार फिर अस्थायी रूप से बंद हो गई।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना प्रतिबंधित है। दमिश्क हवाईअड्डे पर हमले से पहले सीरिया में अन्य स्थानों पर इजरायल द्वारा हवाई हमले और दक्षिणी सीरिया में इजरायली गोलाबारी की गई थी।

उन्होंने कहा कि ये हमले दक्षिणी सीरिया से कब्जे वाले सीरियाई गोलान पर इज़रायल की ओर रॉकेट और मिसाइल लॉन्च की रिपोर्टों के साथ मेल खाते हैं।

उन्होंने कहा, इस बीच, सीरियाई संघर्ष अपने सभी अन्य आयामों में जारी है, जिसमें सीरियाई सरकारी बल, विद्रोही, आतंकवादी समूह और तुर्किये शामिल हैं।

उन्होंने चेतावनी दी, “सीरिया में हिंसा जारी है, जिसमें गाजा और इज़रायल से हिंसा भी शामिल है। ऐसी हिंसा जारी रखना आग से खेलना है। बस एक गलत अनुमान… सीरियाई सीमाओं के भीतर मौजूद एक दर्जन अलग-अलग बारूद के ढेरों को जला सकता है।”

उन्होंने कहा, “हमें सभी हितधारकों के बीच मजबूत चैनलों के माध्यम से निरंतर तनाव घटाने की जरूरत है। हमें नागरिकों की हत्या, उन्हें घायल करना और विस्थापन तथा बुनियादी ढांचे के विनाश को न केवल कम करना है, बल्कि समाप्त करना है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि क्षेत्र में भयानक संकट को देखते हुए सीरिया पर ध्यान कुछ हद तक कम हो गया है, लेकिन सीरिया की खतरनाक स्थिति को देखते हुए यह सही नहीं है।

रोचडी ने कहा, “अगर हम सीरियाई पार्टियों और लोगों को आशा का क्षितिज और उनके संघर्ष को हल करने के लिए एक राजनीतिक रास्ता नहीं देते हैं, तो मुझे डर है कि स्थिति बार-बार उग्र हो जाएगी, उस क्षेत्र में फैल जाएगी जो पहले से ही ऐतिहासिक संकट के दौर में है।”

–आईएएनएस

एकेजे

E-Magazine