विश्व शांति के लिए सबसे गंभीर खतरों में आतंकवाद, भारत के लिए कनेक्टिविटी प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्र : एनएसए डोभाल

विश्व शांति के लिए सबसे गंभीर खतरों में आतंकवाद, भारत के लिए कनेक्टिविटी प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्र : एनएसए डोभाल

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। हमास और इजरायल में चल रहे संघर्ष के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को आतंकवाद को विश्व शांति के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक बताया।

कजाकिस्तान में भारत और मध्य एशियाई देशों के एनएसए के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कारण जो भी हो, आतंकवाद अनुचित है।

मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण के प्रमुख मुद्दे का जिक्र करते हुए डोभाल ने कहा कि यह भारत के लिए प्राथमिकता का क्षेत्र है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कनेक्टिविटी पहल परामर्शात्मक, पारदर्शी और भागीदारीपूर्ण हो।

एनएसए ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के परोक्ष संदर्भ में आगे कहा कि इस तरह की पहल को सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। इसे कर्ज का बोझ बनने के बजाय वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करते हुए पर्यावरणीय मापदंडों का पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मध्य एशिया और भारत के बीच सीधी भूमि पहुंच का अभाव एक विसंगति है। डोभाल ने पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि सीधी कनेक्टिविटी का अभाव एक विशेष देश के इनकार की नीति का परिणाम है।

डोभाल ने कहा कि यह स्थिति न केवल उस देश के लिए आत्म-पराजय है बल्कि यह पूरे क्षेत्र की सामूहिक भलाई को भी कम करती है।

उन्होंने चाबहार बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) में शामिल करने के फायदों को भी रेखांकित किया।

अन्य मुद्दों पर बात करते हुए एनएसए ने आगे कहा कि भारत मध्य एशियाई देशों को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से संबंधित तकनीकी सहायता उनके स्वतंत्र उपयोग के लिए बिना किसी लागत के प्रदान करने को तैयार है।

डोभाल ने कहा कि भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच संप्रभु डिजिटल सिस्टम पर आधारित सहयोग से वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा और चिकित्सा पर्यटन के लिए भारत की यात्रा करने वालों को भी लाभ होगा।

–आईएएनएस

एबीएम

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