मुंबई, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के प्रमुख ने सोमवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित प्रबंध समिति स्थापित करने के बाद उस पर से प्रतिबंध हटा लिया जायेगा। हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई।
यहां 141वें आईओसी सत्र से इतर मीडिया से बात करते हुए यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने कहा कि जैसे ही भारतीय अधिकारी कानूनी मुद्दों को सुलझाने और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित निकाय स्थापित करने में सफल हो जाएंगे, तथा नामों के बारे में वैश्विक निकाय को सूचित करेंगे, निलंबन हटा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “उन्हें कानूनी मुद्दों को हल करना होगा और चुनाव कराने होंगे और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित निकाय की स्थापना करनी होगी। हम निलंबन को लंबे समय तक जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं।” उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि डब्ल्यूएफआई को इस आधार पर कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी कि अब चुनाव में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
लालोविक ने कहा कि उनकी समझ के अनुसार डब्ल्यूएफआई मामला नवंबर में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई के लिए आएगा और एक बार मंत्रालय द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति को हरी झंडी मिल जाएगी, तो एक महीने के बाद चुनाव कराए जा सकते हैं, जिसका मतलब है निलंबन कम से कम साल के अंत तक जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने का कारण शासन की कमी थी।
लालोविक ने कहा कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू नाबालिग महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रमुख पहलवानों के विरोध पर बारीकी से नजर रख रहा है।
उन्होंने कहा कि उनके खेल पर अतीत में दुनिया में कहीं से भी इस तरह के आरोप नहीं लगे हैं और डब्ल्यूएफआई की घटना ने एथलीटों की सुरक्षा के लिए उसके तंत्र को सक्रिय कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पास पहलवानों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत तंत्र है और उन्होंने अपने सभी सदस्यों को इस मोर्चे पर सतर्क रहने की सलाह दी है।
–आईएएनएस
एकेजे