महासंपर्क अभियानः बीजेपी ने टटोली जनता और पार्टी सांसदों की नब्ज

महासंपर्क अभियानः बीजेपी ने टटोली जनता और पार्टी सांसदों की नब्ज

लखनऊ। बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की नौ साल की उपलब्धियों को लेकर जनता दरबार में हाजिर होने की जिम्मेदारी पार्टी सांसदों,विधायकों, मंत्री और पार्टी पदाधिकारियों पर डाली। महाजनसंपर्क अभियान के नाम से चलाए गए अभियान से हाईकमान ने एक तीर से दो निशाने साध लिये। महाजनसंपर्क अभियान का समय 15 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है क्योंकि जो रही सही कसर ,वो भी पूरी हो जाये। पार्टी जनों को हर घर हर जन तक सम्पर्क करके मोदी के पक्ष में मिशन 2024 खातिर माहौल बनाने का काम किया जा रहा है, वही पार्टी के इलाकाई एमपी की वर्तमान पोजीशन भी पार्टी नेतृत्व के संज्ञान में आयेगी। इतना ही नहीं,बीजेपी का हर कार्यक्रम दूर गामी नतीजे को ध्यान में रखते हुए ही चलते हैं। परफार्मेंस ठीक तो ठीक वर्ना पार्टी पुनर्विचार भी कर सकती है। कई बार देखा गया है कि सिटिंग एमपी या सिटिंग एमएलए का पत्ता साफ हो गया और नया उम्मीदवार मैदान में उतार दिया गया। यूपी में बीजेपी महासंपर्क अभियान के जरिए लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी थी। लक्ष्य उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर एनडीए का परचम लहराना है।महा जनसंपर्क अभियान में सभी सांसदों को टास्क मिला था लेकिन अभियान से जुड़े कुछ सांगठनिक लोगों की राय है कि लगभग दर्जन भर सांसद पार्टी की मंशा के अनुरूप अभियान में बेहतर प्रदर्शन में असफल रहे हैं। सूत्रों की माने तो ऐसे सांसदों से बीजेपी संगठन ने रिपोर्ट मांगी है जो मानक के अनुसार महासंपर्क अभियान में भीड़ नहीं जुटा पाए। जिलों में कार्यक्रमों में दस हजार की भीड़ का लक्ष्य था लेकिन कई जिले ऐसे हैं जहां के सांसद फेल हो गए। महासंपर्क अभियान के दौरान जिलों से मिल रहे फीडबैक के हिसाब से कई जिलों में सांसद नाकाम साबित हुए हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने नाराजगी जताई। उन सांसदों को एक और मौका मिलेगा। इनको नया टास्क मिलेगा। सूत्रों के अनुसार महासंपर्क अभियान में फिसड्घ्डी साबित हुए सांसदों को अब दोबारा अपने जिले में कार्यक्रम कराने होंगे। महासम्पर्क अभियान का समय भी बढ़ाया गया है। अब अभियान 15 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान के समाप्त होने के बाद सांसदों के कामकाज का लेखाजोखा तैयार होगा और केंद्रीय नेतृत्व आकलन करेगा।उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में मिली शानदार सफलता के बाद बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है। बीजेपी ने बंसल को केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के तहत बीजेपी के शासन के नौ साल पूरे होने के एक महीने लंबे अभियान के महत्वाकांक्षी महासंपर्क अभियान के लिए पार्टी के यूपी प्रभारी के रूप में नियुक्त किया था। इस अभियान को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले चुनावी तैयारियों को और तेज करने के तौर पर लिया गया था। दूसरी बार है जब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बंसल को यूपी में जिम्मेदारी सौंपी गई। इससे पहले बंसल को 16 लोकसभा सीटों पर संगठनात्मक मामलों की देखरेख के लिए भाजपा का प्रभारी बनाया गया था जो पार्टी 2019 के राष्ट्रीय आम चुनावों में हार गई थी।

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