एमएस धोनी किसी एक फॉर्मेट या टीम में मौजूद सीमित खिलाड़ियों के साथ ही मैच को जीतने की कला रखने वाले कप्तान माने जाते हैं। धोनी के पास टैलेंट को परखने की अद्भुत कला है। आईपीएल में अपने शानदार करियर के बावजूद धोनी ने टीम इंडिया को कई मैच जीतने वाले आप्शन सौंपे हैं।
सीएसके में अपनी सिलेक्शन को याद किया-
दीपक चाहर सीएसके के साथ जुड़े हुए हैं, लेकिन उन्होंने सीएसके के साथ आईपीएल में अपनी यात्रा शुरू नहीं की। 2016 में उन्होंने राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स (आरपीएस) (जो अब नहीं है) के लिए डेब्यू किया था। यूट्यूब के शो ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस पर गौरव कपूर से बात करते हुए दीपक चाहर ने सीएसके में अपनी एंट्री को याद किया।
कैसे पहली बार माही से मिले-
चाहर ने कहा कि जब वह पहली बार माही से मिले वह बल्लेबाजी कर रहे थे। 2016 में भारत के स्टीफन फ्लेमिंग राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स (आरपीएस के मुख्य कोच) थे। फ्लेमिंग ने उन्हें पुणे की टीम के लिए गेंदबाजी के लिए नहीं बल्कि बल्लेबाजी के लिए चुना था।
12वें खिलाड़ी के रूप में खेला सीजन-
पुणे के अभ्यास मैच के दौरान चाहर बल्लेबाजी करते हुए दौड़ रहे थे और उनकी हैमस्ट्रिंग चोटिल हो गई। इसके बाद जब चाहर फिट हुए तब तक टीम का कॉम्बिनेशन सेट हो चुका था और रजत भाटिया टीम में खेल रहे थे। अगले साल स्टीव स्मिथ कप्तान बने। मजेदार बात यह थी कि 2017 में वह पूरे सीजन में 12वें खिलाड़ी थे।
चाहर की सीएसके के साथ वापसी हुई-
स्टीव हर बार चाहर से कहते थे कि तैयार रहो। तुम खेल सकते हो। वह सभी मैचों की तैयारी करता थे, लेकिन निराश होता थे। 2018 के आईपीएल सीजन में सीएसके की वापसी हुई और टीम ने दीपक चाहर को नीलामी में चुना था। इस दौरान फलेमिंग चाहर को टीम में लेने के लिए इच्छुक नहीं थे।
माही ने चाहर को टीम में दी जगह-
पहले मैच की चर्चा के दौरान फ्लेमिंग चाहर को कुछ मैचों के बाद खिलाना चाहते थे और सीनियर खिलाड़ी को टीम में जगह देना चाहते थे। तब माही ने उनसे कहा कि चाहे कुछ भी हो चाहर को सभी 14 मैच खेलने हैं। इसके अलावा कुछ और हो तो धोनी से बात करो।
टीम में सबसे पहले लिखा चाहर का नाम-
इसके बाद में कासी (विश्वनाथन, सीएसके के सीईओ) ने चाहर को बताया कि टीम बनाने के दौरान उनका नाम सबसे पहले लिखा गया था। चाहर ने उस सीजन में 12 मैचों में केवल 7.28 की इकॉनमी रेट से 10 विकेट चटकाए और 172.41 की स्ट्राइक रेट से 39 गेंदों पर 50 रन बनाकर अपनी बल्लेबाजी क्षमताओं की झलक दिखाई।