तीन साल बाद बिजली उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा कानून लागू

तीन साल बाद बिजली उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा कानून लागू

लखनऊ। अततः उपभोक्ता परिषद की मेहनत रंग लाई प्रदेश में पूरे तीन साल के बाद बिजली उपभोक्ताओं के मुआवजा कानून लागू करने का आदेश चेयरमैन पावर कारपोरेशनर ने जारी कर दिया। उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं के लिये नया स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 में जारी किया गया था। नियामक आयोग के आदेश के बावजूद ढुलमुल रवैया अपनाया गया। अंततः जब विद्युत नियामक आयोग ने कडा रुख अख्तियार अपनाया तो विवश होकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने आज मुआवजा कानून पूरे प्रदेश के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से लागू कर दिया है। उपभोक्ता परिषद् आज सुबह ही इस कानून को लागू कराने के लिए प्रबंधन से मुलाकात कर चुका था। कानून लागू होने के तुरंत बाद उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह का आभार व्यक्त किया। मुआवजा कानून का आदेश निर्गत होने के बाद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज, प्रबंध निदेशक पंकज कुमार, निदेशक कमर्शियल अमित कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया।

इस तरह मिलेगा मुआवजा

पहले वह 1912 पर अपनी कोई भी समस्या की शिकायत करेंगे। जब तय समय पर उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा। तो उनको फिर 1912 पर ही मुआवजा के लिए अपनी शिकायत करना होगा। उसके बाद उन्हें एक मुआवजा का अलग कंप्लेंट नंबर मिलेगा और फिर उनका मुआवजा प्रक्रिया स्वतः ऑनलाइन शुरू हो जाएगी। इतनी प्रक्रिया के उपरान्त उपभोक्ता मुआवजा का हकदार होगा। उपभोक्ता को उनके बिजली के बिल में स्वतः मुआवजा का भुगतान भी किया जाना है ऐसी ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की व्यवस्था पावर कारपोरेशन ने तैयार की है। लेकिन बकायेदार उपभोक्ताओ को भी मुआवजा का लाभ नहीं मिलेगा।

तीन साल का लम्बा संघर्ष किया

अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जहां मुआवजा कानून बनवाने के लिए उपभोक्ता परिषद ने तीन साल का लम्बा संघर्ष किया। अंततः आज उत्तर प्रदेश पावर काररेशन के अध्यक्ष एम देवराज की तरफ से मुआवजा कानून लागू करने संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है अब उत्तर प्रदेश में मुआवजा कानून लागू हो गया है। विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं जैसे ब्रेक डाउन, केबिल फाल्ट, ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटना बढ़ाना व अन्य मामले जिनके लिये नये कानून में एक नियत समय तय है। उसके बावजूद भी विद्युत उपभोक्ताओं को तय समय में सेवायें नहीं दी जाती। अब मुआवजा देना होगा। उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा मिल जायेगा। आयोग द्वारा जारी कानून में उपभोक्ता को एक वित्तीय वर्ष में उसके फिक्स चार्ज, डिमाण्ड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जायेगा। उदाहरण के तौर पर जैसे 1 किलोवाट का उपभोक्ता यदि महीने में रू0 100 प्रतिकिलोवाट फिक्स चार्ज देता है तो उसका पूरे साल का फिक्स चार्ज 1200 रूपये हुआ तो उसे अधिकतम एक वित्तीय वर्ष में 360 रूपये का मुआवजा ही मिलेगा।

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