पीरियड्स महिलाओं में होने वाली एक नेचुरल प्रोसेस है, जिससे उन्हें हर महीने गुजरना पड़ता है। इन दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ लड़कियों के लिए महीने के यह दिन बेहद दर्दनाक होते हैं। पेट दर्द, मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं की वजह से पीरियड्स कई लड़कियों के लिए काफी मुश्किल भरा होता है। लेकिन पीरियड्स से जुड़ी और भी कई ऐसी समस्याएं हैं, जो आगे जाकर गंभीर रूप ले सकती है।
पीरियड्स का लेट होना कई बार आम होता है, लेकिन पीरियड का काफी देर से आना या मिस होना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। अक्सर पीरियड मिस होने पर लोग इसे प्रेग्नेंसी का संकेत मानते हैं, लेकिन कई बार यह कोई गंभीर समस्या या बीमारी भी हो सकती है। अगर आप भी पीरियड मिस होने को सिर्फ प्रेग्नेंसी से जोड़कर देखते हैं, तो आज हम आपको बताएंगे पीरियड मिस होने के कुछ अन्य कारणों के बारे में-
पीरियड्स में कितनी देरी सामान्य है?
मिस्ड या लेट पीरियड प्रेग्नेंसी के अलावा और भी कई कारणों से होता है। इसका सामान्य कारण असंतुलित हार्मोन्स से लेकर सीरियस मेडिकल इशू तक हो सकते हैं। आमतौर पर पहली बार माहवारी होने और मेनोपॉज के दौरान पीरियड साइकिल अनियमित होता है। आमतौर पर हर 28 दिनों में उनकी अवधि होती है। हालांकि, एक हेल्दी पीरियड साइकिल 24 से 34 दिनों तक हो सकती है। लेकिन अगर आपको इस साइकिल के अंदर पीरियड्स नहीं आ रहे हैं, तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं।
स्ट्रेस
पीरियड्स पर तनाव का गहरा असर पड़ता है। अगर आप लंबे समय से किसी बात को लेकर तनाव में हैं, तो इसकी वजह से आपके पीरियड मिस होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। स्ट्रेस की वजह से न सिर्फ आपकी पीरियड साइकिल प्रभावित हो सकती हैं, बल्कि इसकी वजह से पीरियड्स के दौरान गंभीर दर्द और ऐंठन की समस्या भी हो सकती है।
वजन कम होना
ऐसी महिलाएं जिन्हें खाने के विकार जैसे एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया आदि हैं, उन्हें अपनी पीरियड साइकिल में अनियमितता का अनुभव हो सकता है।
बहुत अधिक वजन कम होने से अनियमित माहवारी हो सकती है। इतना ही नहीं आपकी साइकिल पूरी तरह से रुक भी सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में पर्याप्त फैट नहीं होने से ओव्यूलेशन रुक सकता है।
मोटापा
जिस तरह वजन कम होने से पीरियड मिस हो सकते हैं। उसी तरह ज्यादा वजन बढ़ने से भी पीरियड्स में अनियमितताएं हो सकती हैं। दरअसल, मोटापा शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा को बढ़ाता है, जो एक प्रमुख प्रजनन हार्मोन है। शरीर में बहुत अधिक एस्ट्रोजन आपके मासिक धर्म के चक्र में अनियमितता पैदा कर सकता है और आपके पीरियड को पूरी तरह से रोक भी सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपके शरीर को पुरुष हार्मोन एण्ड्रोजन का अधिक उत्पादन होने लगता है। ऐसे में इस हॉर्मोन के असंतुलन के कारण ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं, जो ओव्यूलेशन को अनियमित बना सकता है या इसे पूरी तरह से रोक सकता है।