पीएम मोदी ने  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘रोजगार मेला’ के तहत सरकारी विभागों में चयनित 71,000 कर्मियों को बांटे नियुक्ति-पत्र

पीएम मोदी ने  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘रोजगार मेला’ के तहत सरकारी विभागों में चयनित 71,000 कर्मियों को बांटे नियुक्ति-पत्र

पीएम मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘रोजगार मेला’ के तहत सरकारी विभागों में चयनित 71,000 कर्मियों को नियुक्ति-पत्र बांटे। इस दौरान पीएम ने अपना संभोधन भी दिया। मोदी ने बीते नौ सालों के कार्यकाल के दौरान रोजगार के क्षेत्र में किए गए काम के बारे में भी बताया।

मोदी ने कहा, ‘बीते नौ वर्षों में भारत सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज करने, ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने को भी प्राथमिकता दी है। आज आवेदन करने से लेकर नतीजे आने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। आज डॉक्यूमेंट्स को सेल्फ अटेस्ट करना भी पर्याप्त होता है। ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू भी खत्म हो गए हैं। इन सारे प्रयासों से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है।’

नई नीतियां तैयार

मोदी ने कहा कि नौ साल पहले आज के ही दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे। तब पूरा देश उत्साह, उमंग और विश्वास से झूम उठा था। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ कदम बढ़ाने वाला भारत, आज विकसित भारत बनने के लिए प्रयास कर रहा है। इन नौ वर्षों के दौरान रोजगार की नई संभावनाओं को केंद्र में रखकर सरकार की नीतियां तैयार की गई हैं। बीते नौ वर्षों में भारत सरकार ने मूलभूत सुविधाओं के लिए पूंजीगत व्यय पर करीब-करीब 34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस साल के बजट में भी पूंजीगत व्यय के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तय किए गए हैं।

पीएम ने ये भी कहा कि बीते नौ वर्षों में गरीबों के लिए जो चार करोड़ पक्के घर बनाए गए हैं, उन्होंने भी रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए हैं। गांव-गांव में खुले पांच लाख कॉमन सर्विस सेंटर आज रोजगार का बड़ा माध्यम बने हैं। युवाओं को विलेज लेवल का उद्यमी बना रहे हैं।

काम की प्रवृत्ति में बदलाव

मोदी ने कहा कि बीते नौ वर्षों में काम की प्रवृत्ति भी बहुत तेजी से बदली है। बदलती हुई इन परिस्थितियों में युवाओं के लिए नए सेक्टर्स उभर कर आए हैं। केंद्र सरकार इन नए सेक्टर्स को भी निरंतर सपोर्ट कर रही है। इन नौ वर्षों में देश ने स्टार्ट अप कल्चर की नई क्रांति देखी है।

पीएलआई स्कीम के तहत केंद्र सरकार मैन्युफैक्चरिंग के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये की मदद दे रही है। ये राशि भारत को दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के साथ ही लाखों युवाओं को रोजगार में भी सहायता करेगी।

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