सोने में तेजी का असर! भारत का गोल्ड रिजर्व बढ़कर पहली बार 100 अरब डॉलर के पार

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत का गोल्ड रिजर्व पहली बार बढ़कर 100 अरब डॉलर के पार निकल गया है। इसकी वजह सोने की कीमतों में तेजी आना है। यह जानकारी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई।
आरबीआई के मुताबिक, 10 अक्टूबर को समाप्त हुए हफ्ते में देश का गोल्ड रिजर्व 3.595 अरब डॉलर बढ़कर 102.365 अरब डॉलर हो गया है। हालांकि, इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.18 अरब डॉलर गिरकर 697.784 अरब डॉलर हो गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड रिजर्व की हिस्सेदारी बढ़कर 14.7 प्रतिशत हो गई है, जो कि कई दशकों का उच्चतम स्तर है।
बीते एक दशक में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है, जो कि पहले 7 प्रतिशत थी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने 2025 के पहले नौ महीनों में से केवल चार महीनों में ही सोना खरीदा, जबकि 2024 में लगभग हर महीने में इसमें बढ़ोतरी देखी गई थी। जनवरी से सितंबर तक कुल खरीद केवल 4 टन रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में हुई 50 टन की तुलना में काफी कम है।
वैश्विक अस्थिरता के कारण सोने की कीमतों में बीते एक साल में जोरदार तेजी देखने को मिली है। पिछली दीपावली से गोल्ड की कीमतों में 65 प्रतिशत से अधिक की तेजी देखने को मिली। पिछले दो वर्षों में सोने ने 117 प्रतिशत और बीते पांच वर्षों में 158 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। वहीं, पिछले एक दशक में सोने की कीमतें 250 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है और अपनी मांग पूरी करने के लिए आयात पर निर्भर है। सोना खरीदना भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है। इसे निवेश एवं प्रतिष्ठा के प्रतीक के तौर पर भी देखा जाता है।
–आईएएनएस
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