जब प्रकृति बचेगी तभी संस्कृति की रक्षा हो पाएगी : अश्विनी चौबे

जब प्रकृति बचेगी तभी संस्कृति की रक्षा हो पाएगी : अश्विनी चौबे

लखनऊ। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को कहा कि हम संस्कृति और पर्यावरण प्रेमी हैं। प्रकृति संस्कृति से जुड़ी हुई है। हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तो प्रकृति हमारी रक्षा करेगी। जब प्रकृति बचेगी तभी संस्कृति की रक्षा हो पाएगी। वह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव-2023 को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि क्लाइमेट चेंज देश एवं दुनिया के लिए एक चुनौती है। जलवायु परिवर्तन के कारण फसल बर्बाद हो रही है। किसान परेशान होते हैं। क्लाइमेट चेंज के कारण देशभर में जब आवश्यक होता है उस समय वर्षा नहीं होती है। इसका समाधान सभी देशों को परस्पर मिलकर निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल हमें चलना पड़ेगा। भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण की बात की गई है। क्षिति जल पावक गगन समीरा, इन पंच तत्वों की रक्षा कराना हमारी जिम्मेदारी है। हम प्राचीन काल से वसुधवै कुटुम्बकम को मानने वाले लोग हैं। संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते॥ यह हमारी पौराणिक मान्यताएं हैं। इसलिए हमें भारत की प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति से प्रेरणा लेकर प्रकृति एवं पर्यावरण का संरक्षण करना होगा।
केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि अभियान के तहत पर्यावरण में सुधार लाना होगा। भारत में नगर स्तर पर जलवायु संरक्षण की योजना बना रहे हैं। स्मार्ट सिटी एवं अन्य महानगरों में जलवायु परिवर्तन कम कैसे हो इस दिशा में काम हो रहा है। जलवायु परिर्वतन के सुखद परिणाम भारत में देखने को मिल रहे हैं। जो लक्ष्य भारत सरकार ने तय किया है उसको हम सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर तय समय से पूर्व प्राप्त करेंगे। हर्ष का विषय है कि देश एवं दुनिया में सौर ऊर्जा और हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण एवं जलवायु संरक्षण के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार का काम काफी अच्छा है। यहां पर बड़ी संख्या में पौधरोपण हुआ है। राज्य के वन मंत्री डॉ.अरुण कुमार सक्सेना के नेतृत्व में बेहतर काम हो रहा है।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने की। इस अवसर पर राज्य के वन मंत्री डॉ.अरुण कुमार सक्सेना, उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल और महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मनगुंटीवार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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