लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार संचारी रोगों से बचाव के लिए एक अप्रैल से विशेष महाअभियान चलाने जा रही है। वहीं 17 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सम्बंध में एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव को निर्देशित करते हुए कहा है कि वह संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के साथ समन्वय बैठक करें और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तैयारियों का विस्तृत जायजा लें। जनसहभागिता के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाएं। प्रत्येक वर्ष तीन चरणों में चलाया जाना वाला संचारी रोग नियंत्रण अभियान इस वर्ष का पहला चरण होगा, जो 1 से 30 अप्रैल तक चलाया जाएगा।
तैयारियां हुईं तेज
इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और कालाजार जैसी संक्रामक बीमारियों के खिलाफ प्रदेश के सभी 75 जिलों में यह अभियान चलाया जाएगा। साथ ही प्रदेश सरकार दस्तक अभियान के माध्यम से संक्रामक और जल जनित बीमारियों पर भी वार करेगी। स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में चलाए जाने वाले दोनों अभियानों को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गयीं हैं। 12 विभागों के समन्वय से चलाए जाने वाले इन अभियानों को लेकर कार्य योजना बना ली गई है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ चलाए जाने वाले इस अभियान के तहत विभिन्न तरह की गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
प्रत्येक वर्ष चलाया जाता है अभियान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयासों के कारण प्रदेश में जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर प्रभावी ढंग से काबू किया गया है। ऐसे में वायरस व बैक्टीरिया जनित बीमारियों से बचाव के लिए अभियान समय-समय पर चलाया जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, कृषि एवं सिंचाई और पशुपालन विभाग सहित अन्य विभागों के साथ मिलकर हर वर्ष यह अभियान चलाया जाता है।
संचालित होंगी विभिन्न तरह की गतिविधियां
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में साफ सफाई एवं जलभराव निस्तारण की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा। विद्यालयों में रोगों से बचाव तथा रोकथाम हेतु जागरूकता से संबंधित गतिविधियां अयोजित की जाएंगी। साथ ही मच्छर, चूहे, छछूंदर इत्यादि पर नियंत्रण को लेकर गतिविधियां संचालित होंगी। इसके अलावा पशु बाड़ों एवं सूकर बाड़ों को आबादी से दूर स्थापित करना तथा साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
घर-घर जाकर मरीजों की होगी पहचान
दस्तक अभियान के अन्तर्गत स्वास्थ्य टीमें लोगों के घर-घर जायेंगी। टीम संक्रामक रोगों से ग्रसित मरीजों की पहचान करेंगी। इस टीम में आशा वर्कर के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल होंगे। टीम की मदद से रोगियों को चिन्हित कर उन्हें दवा दी जाएगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया जाएगा। दस्तक अभियान के दौरान कुपोषित बच्चों की जानकारी भी इकठ्ठा की जाएगी। इसके अलावा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोजकर उनकी जांच कराई जाएगी। हाई रिस्क क्षेत्रों व दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीमों के के सर्वेक्षण के आधार पर चिन्हित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाएगी।