इस वर्ष अप्रैल-जून की अवधि में भारत में कमर्शियल डेवलपमेंट ने सौदों के मूल्य में जारी रखा अपना योगदान


नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस) । इस वर्ष अप्रैल-जून की अवधि में भारत में सौदों के मूल्य में कमर्शियल डेवलपमेंट का योगदान जारी रहा, जो कुल निवेश का 62 प्रतिशत रहा, क्योंकि संस्थागत पूंजी ने मजबूत, इनकम-जनरेटेड एसेट्स को टारगेट किया। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

इस तिमाही में आईपीओ और क्यूआईपी सहित 1.3 अरब डॉलर मूल्य के 17 लेनदेन हुए, जिनमें से 13 सौदे पब्लिक मार्केट एक्टिविटी को छोड़कर 77.5 करोड़ डॉलर मूल्य के थे।

ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट में कहा गया है, “स्मॉल एंड मीडियम रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (एसएम आरईआईटी) में तेजी आने और दूसरी छमाही में भारत के अब तक के सबसे बड़े रीट इश्यू की उम्मीद के साथ, यह सेक्टर साल की दूसरी छमाही में सतर्क आशावाद और संस्थागत फोकस के साथ प्रवेश कर रहा है।”

2025 की पहली छमाही देश के रियल एस्टेट सेक्टर में दीर्घकालिक मजबूती के लिए एक सेक्टर के पुनर्संतुलन को दर्शाता है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत की पार्टनर और रियल एस्टेट इंडस्ट्री लीडर शबाला शिंदे ने कहा, “हालांकि कुल सौदों के मूल्य में कमी आई है, लेकिन संस्थागत पूंजी कमर्शियल प्लेटफॉर्म में लगातार प्रवाहित हो रही है, जिससे एसेट क्लास की मजबूती बढ़ रही है। भारत के सबसे बड़े आरईआईटी की प्रत्याशा के साथ-साथ आईपीओ और एसएम आरईआईटी एक्टिविटी की वापसी इस बात का संकेत है कि पूंजी बाजार रियल एस्टेट विकास को गति देने में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहे हैं।”

शिंदे ने बताया कि जैसे-जैसे हम दूसरी छमाही में प्रवेश कर रहे हैं, यह सेक्टर निवेश के एक अधिक मैच्योर, इनोवेशन-लेड साइकल के लिए अच्छी स्थिति में है।

दूसरी तिमाही में पूंजी बाजार की गतिविधियों में तेजी आई, जिसमें दो आईपीओ ने 243 मिलियन डॉलर और दो क्यूआईपी ने कुल 245 मिलियन डॉलर जुटाए।

यह पहली तिमाही की निष्क्रियता से एक महत्वपूर्ण बदलाव था, जो खासकर आय-उत्पादक और प्लेटफॉर्म-आधारित रियल एस्टेट मॉडल में निवेशकों के विश्वास की धीरे-धीरे वापसी को दर्शाता है।

फ्रेश रजिस्ट्रेशन के साथ एसएम आरईआईटी सेगमेंट ने भी गति पकड़ी, जो मिड-साइज डेवलपर्स के लिए ब्रॉडर पब्लिक मार्केट एक्सेस का संकेत देता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये घटनाक्रम लिस्टेड इंस्ट्रूमेंट के साथ एक सतर्क लेकिन स्थिर पुनः जुड़ाव की ओर इशारा करते हैं, जो दूसरी छमाही में पूंजी बाजार के डीपर इंटीग्रेशन के लिए मंच तैयार कर रहा है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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