लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में नौ जिलों की 59 सीटों पर बुधवार को पूर्व निर्धारित समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरु हो गया।
इस चरण के चुनाव में शाम छह बजे तक होने वाले मतदान में 2.13 करोड़ मतदाता, 91 महिला प्रत्याशियों सहित कुल 624 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर देंगे। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिये की गयी व्यापक तैयारियों के बीच सुरक्षा के पुख्ता इंतजामोें के साये में मतदान शुरु होने की जानकारी दी है। आयोग की ओर से बताया गया कि चौथे चरण में नौ जिलों पीलीभीत, खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा तथा फतेहपुर की 59 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरु हो गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मतदान शुरु होने के समय कुछ एक मतदान केन्द्रों पर इक्का दुक्का मतदाता पहुंचे। सर्द सुबह में शुरु हुए मतदान के बीच मतदाताओं को धूप निकलने का इंतजार है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत मतदाताओं को मास्क पहन कर ही मतदान केन्द्र में अंदर जाने की इजाजत है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने सेनेटाइजर और थर्मल स्केनिंग सहित अन्य इंतजाम भी मतदान केन्द्रों पर किये हैं।
इस चरण में 2.13 करोड़ मतदाता 13,817 मतदान केन्द्रों के कुल 24,643 मतदेय स्थल पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 1.14 करोड़ पुरूष, 99.3 लाख महिला तथा 966 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं। चौथे चरण में बिंदकी, हुसैनगंज और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इनके 590 मजरे और 3393 मतदेय स्थलों को अतिसंवेदनशील के रूप में चिन्हित किया गया है। इन मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किये गये हैं।
गौरतलब है कि चौथे चरण के मतदान वाली सीटों पर सोमवार को शाम छह बजे प्रचार अभियान थम गया था। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस सहित अन्य दलों ने पूरी ताकत से प्रचार अभियान में हिस्सा लिया। पहले तीन चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में चुनाव हाेने के बाद अब मतदान की प्रक्रिया चौथे चरण में अवध क्षेत्र से होते हुये पांचवे चरण में पूर्वांचल के इलाकों में दस्तक देगी। चौथे चरण के मतदान वाली 59 सीटों में 2017 के चुनाव में भाजपा ने 50, सपा ने चार, बसपा और कांग्रेस ने दो दो और अपना दल ने एक सीट जीती थी।
इस चुनाव में पहले तीन चरण के मतदान से मिले रुझानों के आधार पर जानकारों का मानना है कि भाजपा के लिये पिछले चुनाव की तरह राह आसान नहीं है। चुनाव में भाजपा को मुख्य विपक्षी दल सपा की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर सात चरण में संपन्न हो रहे इस चुनाव में आगे के आगे के चरणों में भी पड़ना तय है। जानकारों की राय में जातिगत समीकरणों के आधार पर तीनों विरोधी दलों सपा, बसपा और कांग्रेस के टिकट वितरण ने भाजपा के लिये चुनौती को बढ़ा दिया है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ता विरोधी हवा के कारण भी भाजपा के लिये राह आसान नहीं है।
मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के निर्वाचन वाले इलाकों में धुंआधार प्रचार कर रहे हैं।
इस चरण में योगी सरकार के दो मंत्रियों के अलावा दो केन्द्रीय मंत्रियों की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें लखनऊ से सांसद एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लखीमपुर से सांसद एवं गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी शामिल हैं। इस चरण में योगी सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, लखनऊ कैंट सीट पर और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन लखनऊ पूर्व सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर सपा के अनुराग भदौरिया उन्हें चुनौती दे रहे हैं। जबकि लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से पूर्व प्रशासनिक अधिकारी राजेश्वर सिंह भाजपा के उम्मीदवार हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला सपा के अभिषेक मिश्रा कर रहे हैं।
इनके अलावा सपा ने मोहनलालगंज से पूर्व सांसद सुशीला सरोज को मलीहाबाद सीट से उतारा है। चौथे चरण के अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में रायबरेली सदर सीट से अदिति सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। हरचंदपुर सीट पर सपा ने भाजपा के बागी राकेश सिंह को उतारा है। वहीं, सपा से भाजपा में आये विधान परिषद के उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल हरदोई सीट से चुनाव मैदान में हैं।