वयस्कता में टाइप 1 डायबिटीज से हृदय रोग और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है : अध्ययन


नई दिल्ली, 14 मई (आईएएनएस)। हाल में आए एक नए शोध के मुताबिक, जो लोग वयस्कता में टाइप 1 मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित होते हैं, उनमें हृदय रोग और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

शोध वयस्कों में शुरुआती मधुमेह (टाइप 1) के खतरों पर आधारित है। शोधकर्ता मधुमेह प्रभावित लोगों में हृदय रोग और मृत्यु के जोखिम की जांच करना चाहते थे। विशेष रूप से 40 वर्ष की आयु के बाद जिनका मधुमेह का इलाज हुआ है। स्वीडन में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के मुताबिक, “40 साल के बाद जिनका इलाज किया गया, उनकी स्थिति 40 से पहले मधुमेह का इलाज किए गए लोगों से बेहतर नहीं हैं। इसमें धूम्रपान, खराब ग्लूकोज नियंत्रण और मोटापे को जोखिम का मुख्य कारक बताया गया है।”

यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन ने 2001 और 2020 के बीच वयस्कता में टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित 10,184 लोगों की पहचान की और उनकी तुलना नियंत्रण समूह के 509,172 मिलान वाले लोगों से की। अध्ययन से पता चलता है कि वयस्कता में ही टाइप 1 मधुमेह वाले इन लोगों में नियंत्रण समूह की तुलना में कैंसर और संक्रमण सहित सभी कारणों से हृदय रोग और मृत्यु का खतरा ज्यादा था।

कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के पर्यावरण चिकित्सा संस्थान में पोस्टडॉक्टरल फेलो युक्सिया वेई ने कहा कि इलाज के बाद भी खराब सेहत के मुख्य कारण धूम्रपान, ज़्यादा वज़न/मोटापा और ब्लड शुगर का सही नियंत्रण न होना है। वेई ने आगे कहा, “हमने पाया कि ऐसे लोग इंसुलिन पंप जैसे सहायक उपकरणों का इस्तेमाल कम करते थे।”

शोधकर्ता अब भी इस बात की खोज करेंगे कि बड़े होने पर टाइप 1 डायबिटीज क्यों होती है। वे यह भी देखेंगे कि इस बीमारी के होने का खतरा किन कारणों से बढ़ता है और इसका शरीर के छोटे रक्त वाहिकाओं पर क्या असर पड़ता है। इसके अलावा, वे यह भी पता लगाएंगे कि वयस्कों में होने वाली टाइप 1 डायबिटीज का सबसे अच्छा इलाज क्या है। इसमें इंसुलिन पंप के उपयोग और अन्य उन्नत तकनीकों का प्रभाव शामिल है, का भी पता लगाने की आवश्यकता है।

वयस्कों में टाइप 1 मधुमेह के जोखिम पर शोध को स्वीडिश रिसर्च काउंसिल और स्वीडिश डायबिटीज फाउंडेशन द्वारा पोषित किया गया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनका किसी भी कंपनी या व्यक्ति से कोई निजी स्वार्थ नहीं जुड़ा है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध के नतीजों से यह बात साफ होती है कि टाइप 1 डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, भले ही यह बाद में जीवन में शुरू हो।

–आईएएनएस

पंकज/एएस


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