बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), 29 जनवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश बिलासपुर जिले के विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी में बुधवार को प्रयागराज महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थना की गई। मंदिर के पुजारियों द्वारा इस प्रार्थना का आयोजन किया गया। प्राचीन हवन कुंड पर मंत्रोच्चार करते हुए महाकुंभ के सुख-शांति से संपन्न होने की कामना की गई।
मंदिर के पुजारी पूर्व न्यासी नीलम शर्मा ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में बीती रात हुई दुर्घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए मां से प्रार्थना की। नीलम शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से महाकुंभ का आयोजन सुचारू रूप से हुआ है और अब यही प्रार्थना की जा रही है कि भविष्य में कोई और दुर्भाग्यपूर्ण घटना न घटे।
पुजारी तरुणेश शर्मा ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है और इसके लिए यहां के श्रद्धालुओं ने भी प्रार्थना की। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने माता से यह भी प्रार्थना की कि महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो और सभी श्रद्धालु सुरक्षित अपने घर लौट सकें।
राजस्थान के जयपुर से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि महाकुंभ में हुए भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा को शांति मिले, ऐसी मेरी प्रार्थना है। साथ ही, महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हो और वहां जाने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी हों।
उल्लेखनीय है कि महाकुंभ में बुधवार को उस समय भगदड़ मच गई, जब श्रद्धालु और संत पवित्र स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहे थे। टेंट सिटी में श्रद्धालुओं की अचानक उमड़ी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई। कथित तौर पर उनमें से कुछ ने ‘संगम’ तक पहुंचने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे वहां भगदड़ मची। भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत होने और 30 से अधिक के घायल होने की खबर है।
प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और स्थिति को संभाला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से नजदीकी घाट पर डुबकी लगाने और ‘संगम नोज’ पर न जाने का आग्रह किया। अखाड़ों को भी उनके टेंट में वापस भेज दिया गया और भीड़ कम होने के बाद डुबकी लगाने के लिए कहा गया।
–आईएएनएस
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