नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दिलीप असबे ने शुक्रवार को कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) में 10 गुना वृद्धि की क्षमता है और जल्द ही 20 से 30 करोड़ और लोग डिजिटल भुगतान के दायरे में आ जाएंगे।
दिलीप असबे ने कहा कि भारत डिजिटल भुगतान क्रांति के मुहाने पर है।
एनपीसीआई प्रमुख ने 19वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन (आईडीएस) के एक सत्र के दौरान कहा, “हमें 20-30 करोड़ अन्य लोगों को डिजिटल भुगतान के दायरे में लाने के लिए आरबीआई, सरकार और इकोसिस्टम से समर्थन की आवश्यकता है।”
इस सम्मेलन का आयोजन इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने आईटी मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से किया था।
असबे ने कहा,”डिजिटल भुगतान अब जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं। मुझे नहीं लगता कि हम नकदी की ओर वापस जा रहे हैं।”
आगे कहा कि यूपीआई सभी खिलाड़ियों द्वारा उपयोग की जाने वाली आधारभूत संरचना बन गई है, चाहे वे वित्तीय सेवाओं या अन्य उद्योगों में फिनटेक स्टार्टअप हों।
अस्बे के मुताबिक, “पिछले 8-10 वर्षों में यूपीआई के इन्फ्रास्ट्रक्चर लेयर में बदलने की यात्रा काफी शानदार रही है। आरबीआई और सरकार का समर्थन निरंतर इनोवेशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहा है। यह समर्थन समय के साथ केवल मजबूत हुआ है, जिससे यूपीआई को और आगे बढ़ाने के प्रयासों को प्रोत्साहन मिला है।”
रुपे के विकास पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि रुपे कार्ड नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है और इसमें भारत के सबसे बड़े कार्ड नेटवर्क में से एक बनने की क्षमता है।
एनपीसीआई प्रमुख ने कहा, “फिलहाल, रुपे के पास क्रेडिट कार्ड बाजार में लगभग 16-17 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और हमारा लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में इसे बाजार में एक बराबर का खिलाड़ी बनाना है।”
–आईएएनएस
एबीएस/