अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में बढ़ा निवेश : अरुण गुप्ता

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में बढ़ा निवेश : अरुण गुप्ता

जम्मू, 5 अगस्त (आईएएनएस)। चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के पांच साल पूरे होने के मौके पर कहा कि इस दौरान यहां उद्योगों का विकास हुए है, निवेश बढ़ा है और कई परियोजनाओं का क्रियान्वयन हुआ है।

गुप्ता ने कहा, “जम्मू के लोग हमेशा से ही चाहते थे कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाए। घाटी के लोगों की ऐसी मानसिकता बन चुकी थी कि अनुच्छेद 370 को किसी भी कीमत पर हटाया जाना चाहिए। इसके हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का शेयर बराबर हो गया। उपराज्यपाल केंद्रशासित प्रदेश में औद्योगिक केंद्र स्थापित करने को लेकर सक्रिय हैं। कई परियोजनाओं को वहां जमीन पर उतारा जा चुका है, जिसका फायदा स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर मिल रहा है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कई निजी निवेशक भी घाटी में निवेश करने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं। हालांकि, कुछ प्रशासनिक बाधाएं अभी-भी बनी हुई है, जिसे दूर करने की दिशा में उपराज्यपाल लगे हुए हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आने वाले समय में यहां एक लाख करोड़ रुपये का निवेश पाइपलाइन में है। इसे लेकर यहां के उद्योगपतियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। घाटी में इन्फ्रास्ट्रक्चर भी लगातार विकसित हो रहा है। कश्मीर में ट्रेन जा रही है। किसी ने सोचा नहीं था कि घाटी में कभी ट्रेन भी जा सकती है। रोड कनेक्टिविटी बढ़ रही है। जिलों की आपस में दूरी कम हो रही है। यह सब अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद हो रहा है। जिस तरह से यहां पर विकास हो रहा है, उसमें यहां के लोगों का अमूल्य योगदान है। हालांकि, कुछ विकास परियोजनाएं अब भी अधर में हैं, जिसे हम आगामी दिनों में जमीन पर उतारकर रहेंगे।”

चैंबर अध्यक्ष ने कहा, “फिल्म इंडस्ट्री का फोकस जम्मू-कश्मीर पर होना चाहिए। पिछले कुछ समय में कई फिल्मों की शूटिंग यहां हुई है। इस दिशा में उपराज्यपाल भी सक्रिय हो चुके हैं। उग्रवाद से पहले जो भी फिल्में घाटी में शूट हुआ करती थीं, वे सुपर-डुपर हिट हुआ करती थीं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आगामी दिनों में यहां बड़ी संख्या में फिल्मों की शूटिंग होगी। इसके अलावा, मैं सभी फिल्म निर्माताओं से कहना चाहूंगा कि वे यहां फिल्मों की शूटिंग करें।”

–आईएएनएस

एसएचके/एकेजे

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