मणिपुर में हिंसा के बाद से ही कई लोग विस्थापित चल रहे हैं। इसके अलावा राज्य में आए दिन अभी भी हिंसा हो रही है। राज्य में ऐसे कई जिले हैं जहां आज भी बदमाश हिंसा फैलाने की कोशिश करते रहते हैं। इसलिए राज्य में स्थिरता लाने के लिए असम राइफल्स ने सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चला रही है।
मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत करने के लिए असम राइफल्स ने सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। असम राइफल्स ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है।
100 से अधिक सुरक्षाकर्मियों वाली टीम ने बुधवार की सुबह मणिपुर के गुवाखल और हरिनगर के संवेदनशील इलाकों पर कब्जा कर लिया, जब बदमाशों ने इलाके में एक खाली पड़े घर को जलाने की कोशिश की। जिरीबाम के प्रभावित इलाकों को सुरक्षित करने और उन पर कब्जा करने के लिए नदी गश्ती और ड्रोन का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने की सुरक्षा बलों की सराहना
सुरक्षा बल विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय नेताओं और विभिन्न सीएसओ (नागरिक समाज संगठनों) के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना की है, जबकि पड़ोसी राज्य असम ने कछार से जिरीबाम तक उपद्रवियों की आवाजाही को रोकने और प्रतिबंधित करने के लिए मणिपुर राज्य की पुलिस के साथ समन्वय किया है।
राज्य में हिंसा की छिटपुट घटनाओं पर भी नजर
इस बीच, असम राइफल्स, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के बीच समन्वित प्रयास ने सुरक्षा बलों के एकीकृत मोर्चे का प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि हिंसा या आगजनी की छिटपुट घटनाओं को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले, 12 जून को जिरीबाम जिले के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) को आवश्यक सेवाएं और सहायता प्रदान करने के लिए असम राइफल्स ने एक व्यापक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया और उन्हें बहुत जरूरी राहत सामग्री वितरित की। बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में जारी कर इसकी जानकारी दी गई।