राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके भारत में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तस्करी करने वाले आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
एजेंसी ने गुवाहाटी में एक विशेष अदालत में जलील मिया, हनान मिया, भगोड़े काजल सरकार, अधीर दास और अनवर हुसैन उर्फ मामा के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। ये सभी पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा से काम कर रहे थे।
आरोपपत्र में शामिल अन्य लोगों की पहचान भगोड़े कमल दास के रूप में की गई है, जो आरोपित अमोल चंद्र दास का भाई है, जो बंगाल स्थित लिटन चक्रवर्ती के अलावा सिलचर से काम कर रहा था। आठवां आरोपित बांग्लादेशी नागरिक रबील हसन उर्फ रबीउल हसन है।
एनआइए की जांच के अनुसार, लिटन चक्रवर्ती गुप्त तरीकों से फर्जी या जाली दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों पर बांग्लादेशी नागरिकों के लिए भारतीय आइडी दस्तावेज तैयार करने में लगा हुआ था। इसमें कहा गया है कि रबीउल हसन का असम, बंगाल, त्रिपुरा, तमिलनाडु और कर्नाटक में गिरफ्तार आरोपितों के साथ अच्छा संबंध पाया गया।