नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जरिए सोशल मीडिया में हेरफेर कर भारत सरकार की आलोचना करने से लेकर खालिस्तान स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करने वाले चीन स्थित नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
चीन में बनाए गए इस नेटवर्क ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, यूके और नाइजीरिया सहित दुनिया भर में सिख समुदाय को निशाना बनाया।
मेटा (पूर्व में फेसबुक) के अनुसार, आरोपी फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मुख्य रूप से अंग्रेजी और हिंदी में समाचार और वर्तमान घटनाओं के बारे में पोस्ट करते थे। इसमें एआई से बनाई गई तस्वीरेें भी शामिल थीं।
नेटवर्क में शामिल अकाउंट द्वारा अक्सर पंजाब में बाढ़, दुनिया भर में सिख समुदाय, खालिस्तान स्वतंत्रता आंदोलन, कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार की आलोचना के बारे में पोस्ट किया जाता था।
मामले में कार्रवाई करते हुए मेटा ने 37 फेसबुक अकाउंट, 13 पेज, पांच ग्रुप और इंस्टाग्राम पर नौ अकाउंट हटा दिए।
मेटा ने कहा कि इस ऑपरेशन ने सिखों के रूप में खुद को पेश करने, सामग्री पोस्ट करने और पेज और ग्रुप को मैनेज करने के लिए समझौता किए और फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल किया।
उन्होंने “ऑपरेशन के” नामक एक काल्पनिक कार्यकर्ता आंदोलन बनाया। इसमें न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में सिखों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया।
कंपनी ने कहा कि उसने कंटेट के व्यूअर्स तक पहुंचने के पहले ही अपने प्लेटफॉर्म से इस गतिविधि को हटा दिया।
सिर्फ़ मेटा ही नहीं, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट की एक टीम ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि चीन एआई का इस्तेमाल कर भारत, अमेरिका और अन्य देशों में अपने हितों की पूर्ति के लिए कंटेंट तैयार करेगा और उसका प्रचार करेगा।
माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, चीन फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल कर मतदाताओं से यह जानने की कोशिश कर रहा है कि उन्हें किस बात से सबसे ज्यादा फर्क पड़ता है, ताकि वह विभाजन पैदा कर चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सके।
-आईएएनएस
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