जुकरबर्ग हवाई में बना रहे हैं 10 करोड़ डॉलर की टॉप-सीक्रेट संपत्ति, बंकर भी होगा

जुकरबर्ग हवाई में बना रहे हैं 10 करोड़ डॉलर की टॉप-सीक्रेट संपत्ति, बंकर भी होगा

सैन फ्रांसिस्को, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। मेटा के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग कथित तौर पर हवाई में 10 करोड़ डॉलर की एक टॉप-सीक्रेट हवेली का निर्माण कर रहे हैं जिसमें एक विशाल भूमिगत बंकर भी होगा।

लगभग 1,400 एकड़ के परिसर का पैमाना चौंका देने वाला है। वायर्ड द्वारा प्राप्त सार्वजनिक दस्तावेजों के अनुसार, परिसर में एक दर्जन से अधिक इमारतें होंगी, जिनमें 30 शयनकक्ष और 30 बाथरूम होंगे।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि काउई के हवाई द्वीप पर हवेली में एक विशाल, 5,000 वर्ग फुट का बंकर शामिल है, जिसका ऊर्जा का अपना स्रोत है।

इसमें 11 होंगे जो रस्सी के पुलों से जुड़े होंगे। परिसर में बेहद गुपचुप तरीके से काम चल रहा है और यदि कोई साइट पर मीडिया के सामने योजना का खुलासा करता है, तो उसे तुरंत निकाल दिया जाएगा।

रिपोर्ट में एक पूर्व ठेकेदार के हवाले से कहा गया, “यह एक फाइट क्लब है। हम फाइट क्लबों के बारे में बात नहीं करते हैं।” अलग-अलग परियोजनाओं और श्रमिकों को उनके काम के बारे में अन्य कर्मचारियों से बात करने से मना किया गया है।”

कूलाऊ रेंच के रूप में जानी जाने वाली जुकरबर्ग की संपत्ति में 5,000 वर्ग फुट का भूमिगत बंकर शामिल है और इसकी अपनी ऊर्जा और खाद्य आपूर्ति है। रिपोर्ट में कहा गया है, “जुकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चान दुनिया की सबसे महंगी संपत्तियों में से एक का निर्माण करा रहे हैं।”

योजनाओं के अनुसार, परिसर दो हवेलियों के आसपास केंद्रित है, जिसका कुल फ्लोर एरिया एक पेशेवर फुटबॉल मैदान (57,000 वर्ग फीट) के बराबर है, जिसमें कई लिफ्ट, कार्यालय, सम्मेलन कक्ष और एक औद्योगिक आकार की रसोई शामिल है।

रिपोर्ट के अनुसार, “परियोजना के पैमाने से पता चलता है कि यह एक निजी अवकाश गृह से कहीं अधिक होगा – ज़करबर्ग पहले ही परिसर में दो कॉर्पोरेट कार्यक्रमों की मेजबानी कर चुके हैं।”

सूत्रों के मुताबिक, परिसर आत्मनिर्भर होगा, जिसमें 55 फीट व्यास और 18 फीट ऊंची अपनी पानी की टंकी के साथ-साथ एक पंप प्रणाली भी होगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है, “इसके 1,400 एकड़ क्षेत्र में पशुपालन और कृषि के माध्यम से पहले से ही विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों का उत्पादन किया जाता है।”

–आईएएनएस

एकेजे

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