नए भारत के निर्माण के लिए युवाओं को राजनीति में आना होगा: बंदी संजय कुमार


करीमनग , 17 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह में तेलंगाना में करीमनगर के एसआरआर कॉलेज से आयोजित ‘एकता मार्च’ में भाग लिया। इस दौरान उन्‍होंने देश के युवाओं से राजनीति में आने और सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों को पूरा करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यदि युवा आगे नहीं आएंगे तो वंशवादी और परिवारवादी राजनीति हावी होती रहेगी और देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रवृत्ति भारत के लिए अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंशवादी राजनीति के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों और कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से पार पाने के लिए, भारत को अपने युवाओं की राजनीति में सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है।

हजारों छात्र और युवा इस मार्च में शामिल हुए और केंद्रीय मंत्री के साथ मार्च किया। मार्च शुरू होने से पहले, एमएलसी मलका कोमुरैया, अंजी रेड्डी,जिला कलेक्टर पामेला सत्पथी और पुलिस आयुक्त गौश आलम उनके साथ शामिल हुए।

बंदी संजय ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल लौह पुरुष थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारत की एकता के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने 560 रियासतों को एक झंडे के नीचे एकजुट करके भारत नामक एक राष्ट्र का निर्माण किया। पटेल के बिना, तेलंगाना कभी आजाद नहीं हो पाता। निजाम ने एक बार तेलंगाना को पाकिस्तान में मिलाने या इसे एक इस्लामी राज्य बनाने की साजिश रची थी। एक पल के लिए कल्पना कीजिए कि अगर तेलंगाना भारत में शामिल नहीं होता तो क्या होता—यह अराजकता और भूखमरी का देश पाकिस्तान, श्रीलंका या बांग्लादेश बन जाता।

उन्‍होंने कहा कि पटेल ने इस खतरे को पहले ही भांप लिया था और घोषणा की थी कि अगर तेलंगाना एक स्वतंत्र राज्य बना रहा तो यह भारत माता के गर्भ में कैंसर के समान होगा। ‘ऑपरेशन पोलो’ (पुलिस कार्रवाई) के जरिए उन्होंने निजाम की साजिश को कुचल दिया और तेलंगाना को आजाद कराया। इसके लिए सरदार पटेल हम सभी के लिए एक पूजनीय व्यक्ति हैं।

पटेल ने भारत की आधुनिक सिविल सेवा प्रणाली की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका अनुशासन, समर्पण, साहस और प्रशासनिक उत्कृष्टता उनकी पहचान थी।

बंदी संजय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 31 अक्टूबर से 25 नवंबर तक ‘एकता मार्च’ के तहत पूरे देश में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसका उद्देश्य छात्रों और युवाओं के बीच पटेल के एकता और देशभक्ति के संदेश को फैलाना है। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया स्वयंसेवकों से युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए इन कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार करने में मदद करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि पटेल कठिनाइयों और आलोचनाओं के बावजूद कभी पीछे नहीं हटे। उन्होंने देश के लिए साहसिक निर्णय लेने का साहस किया। उनके लिए हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम, स्वयं बाद’ का सिद्धांत था। आज के युवाओं को पटेल के विचारों, मूल्यों, अनुशासन और देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए।

बंदी संजय ने कहा कि युवाओं को पटेल के आदर्शों को कायम रखने और भारत के लोकतांत्रिक भविष्य की रक्षा के लिए राजनीति में प्रवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं का खुद को केवल नौकरियों, व्यवसायों या विदेशी करियर तक सीमित रखना राष्ट्र को कमजोर करता है, नवाचार को धीमा करता है और वंशवादी राजनीति को मजबूत करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो भारत वैश्विक दौड़ में पिछड़ सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि आजकल कई युवा नशे, शराब और पब कल्चर के शिकार हो रहे हैं, जिससे उनका जीवन बर्बाद हो रहा है और उनके माता-पिता को गहरा दुख पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, “इस तरह की गिरावट को रोकने के लिए, ऊर्जावान और जिम्मेदार युवाओं को राजनीति में कदम रखना चाहिए और देश को प्रगति की ओर ले जाना चाहिए।”

बंदी संजय ने कहा कि सऊदी अरब में हुई दुखद बस दुर्घटना के बारे में जानकर मुझे गहरा सदमा लगा, जिसमें 42 भारतीय नागरिकों की जान चली गई। बताया गया है कि उनमें से 18 तेलुगु मूल के थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस घटना के संबंध में सऊदी सरकार के संपर्क में हैं। हम प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले।

उन्‍होंने कहा कि मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।

–आईएएनएस

एएसएच/डीकेपी


Show More
Back to top button